नए नियम लागू: यूपी में अब AI से पास होंगे ड्राइविंग टेस्ट, तभी मिलेगा लाइसेंस

नए नियम लागू: यूपी में अब AI से पास होंगे ड्राइविंग टेस्ट, तभी मिलेगा लाइसेंस
नए नियम लागू: यूपी में अब AI से पास होंगे ड्राइविंग टेस्ट, तभी मिलेगा लाइसेंस

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अब परिवहन विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. अब ड्राइविंग लाइसेंस सिर्फ उन्हीं को मिलेगा, जिनकी ड्राइविंग क्षमता मानकों पर खरी उतरेगी. इसके लिए आईटीआई मैदान परिसर में बने ड्राइवर ट्रेनिंग व टेस्टिंग इंस्टीट्यूट (DTI) में अत्याधुनिक ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक तैयार किया गया है.

कैमरे और सेंसर से होगी निगरानी

इस ट्रैक पर कुल 19 हाई-टेक सीसी कैमरे लगाए गए हैं. ये कैमरे चालक की हर गतिविधि को 360 डिग्री एंगल से रिकॉर्ड करेंगे. इसके अतिरिक्त ट्रैक पर लगे सेंसर वाहन की हर हरकत को ध्यान में रखते हुए सीधे कंट्रोल रूम तक पहुंचाएंगे. यानि अब चालक की छोटी से छोटी गलती भी छुप नहीं पाएगी.

पुरानी व्यवस्था से मिल रही थी दुर्घटनाओं को बढ़ावा

अब तक कई लोग बिना सीखे या केवल सिफारिश के आधार पर ड्राइविंग लाइसेंस हासिल कर लेते थे. नौसिखिया चालकों की यही लापरवाही दुर्घटनाओं की वजह बनती रही है. आंकड़े बताते हैं कि बीते वर्ष की तुलना में इस बार हादसों की संख्या और मौतें दोनों में बढ़ोतरी हुई हैं.

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एआई करेगा परीक्षा

कंट्रोल रूम में लगे कंप्यूटर सिस्टम पर कैमरों और सेंसर से मिले डाटा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए परखा जाएगा. सिस्टम यह तय करेगा कि आवेदक पास हुआ है या फेल. अगर कोई चालक टेस्ट में सफल नहीं होता, तो उसका लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा. इससे केवल कुशल और जिम्मेदार चालकों को ही अनुमति मिलेगी.

आंकड़ों के मुताबिक 

  • जनवरी 2025 से अब तक दुर्घटनाएँ: 444
  • इनमें मौतें: 248
  • घायल: 370
  • जनवरी 2024 की दुर्घटनाएँ: 394
  • तब मौतें: 233
  • घायल: 294
  • इस वर्ष दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी: +50
  • मौतों में इजाफा: +15
  • घायलों की संख्या बढ़ी: +76
  • प्रतिदिन बनने वाले ड्राइविंग लाइसेंस: लगभग 50

क्या होगा परिवर्तन?

नई व्यवस्था लागू होने के बाद अब हर आवेदक को ऑटोमेटेड ट्रैक पर वाहन चलाकर परीक्षा देनी होगी. हर पल की रिकॉर्डिंग होगी और मशीनें उसे जांचेंगी. जो चालक कुशल साबित होगा, उसी का लाइसेंस बन सकेगा.

अधिकारी का बयान

संभागीय परिवहन अधिकारी राजेश मौर्य ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया है कि "बढ़ते हादसों को ध्यान में रखते हुए अब तकनीकी निगरानी जरूरी हो गई है. ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर कैमरे और सेंसर से चालक की परफॉर्मेंस जाँची जाएगी. योग्य चालक को ही लाइसेंस मिलेगा, जिससे सड़क दुर्घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लगेगा.”

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।