मुख्तार अंसारी की शत्रु संपत्ति पर पीएम आवास, 100 से अधिक अवैध कब्जे के मामले और एलडीए की कार्रवाई

मुख्तार अंसारी की शत्रु संपत्ति पर पीएम आवास, 100+ अवैध कब्जे हटे, LDA की बड़ी कार्रवाई

मुख्तार अंसारी की शत्रु संपत्ति पर पीएम आवास, 100 से अधिक अवैध कब्जे के मामले और एलडीए की कार्रवाई
Uttar Pradesh News

डालीबाग में मृत माफिया मुख्तार की जमीन पर बने प्रधानमंत्री आवासों का आवंटन अब लखनऊ विकास प्राधिकरण करेगा। पंजीकरण की प्रक्रिया अगस्त में शुरू होने की तैयारी है। एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि माफिया मुख्तार ने डालीबाग में अपनी जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करके बिल्डिंग बनाई थी, जिसे अब तोड़ दिया गया है। जिस जमीन पर यह बिल्डिंग बनी थी, वह मुख्तार के बेटों के नाम पर बताई जा रही है।

सरकारी कब्जे में लेने के बाद एलडीए ने करीब दो साल पहले प्रधानमंत्री योजना के तहत 72 फ्लैट बनाए थे। इन फ्लैटों का कुछ काम अभी बाकी है, जो अगले दो-तीन महीने में पूरा कर लिया जाएगा। पहले ठेकेदार के निधन के बाद अब एक नए ठेकेदार का चयन किया जा रहा है। इस जमीन का मामला कोर्ट में था, इसलिए पंजीकरण शुरू नहीं हो पाया था। अब कोर्ट से एलडीए को राहत मिली है, और जल्द ही पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होगी।

डालीबाग में 2321 वर्गमीटर जमीन, जो शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज थी, पर मुख्तार ने अपने परिवार के नाम एक आलीशान कोठी बनवायी थी। जानकारों के अनुसार, मुख्तार अंसारी ने पहले फरहत अंसारी के नाम पर बिना नक्शा पास कराए एक मकान बनवाया। बाद में फर्जी कागजों के आधार पर एलडीए से नक्शा पास करवा लिया। यह नक्शा 2007 में पास हुआ था। जब निर्माण पूरा हुआ, तो कोई कार्रवाई न करके नक्शा पास कर दिया गया था। 2020 में एलडीए ने इसे तोड़ दिया और यह जमीन राज्य सरकार के पास आ गई। अब इसी जमीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जी-प्लस-थ्री मंजिल वाले फ्लैट बनाए गए हैं।

शत्रु संपत्ति क्या है?

शत्रु संपत्ति (Enemy Property) वह अचल संपत्ति होती है जो 8 मार्च 1954 के बाद पाकिस्तान जाने वाले भारतीय नागरिकों की होती है। यह संपत्ति विशेष रूप से उन लोगों की होती है जिन्होंने भारत-Pakistan युद्ध के बाद पाकिस्तान का रुख किया, या पाकिस्तान के नागरिक बन गए थे। इन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति या निष्क्रांत संपत्ति कहा जाता है, क्योंकि यह पाकिस्तान से संबंधित व्यक्तियों के स्वामित्व में रहती हैं, और भारत सरकार इन्हें अपनी देखरेख में रखती है। भारत सरकार ने 1968 में द एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट (The Enemy Property Act) को लागू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान और चीन से संबंधित शत्रु संपत्तियों को भारत सरकार के नियंत्रण में लिया गया।


मुख्तार अंसारी पर 100 से ज्यादा भूमि कब्जे के मामले

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पर कई जमीनों पर अवैध कब्जे और जमीनी विवादों के मुकदमे थे। इन विवादों में प्रमुख रूप से लखनऊ, वाराणसी, मऊ और अन्य जिलों की भूमि शामिल थी। मुख्तार अंसारी ने कई जगहों पर शत्रु संपत्ति, सरकारी भूमि और निजी संपत्तियों पर अवैध कब्जे किए थे। मुख्तार अंसारी पर विशेष रूप से लखनऊ में शत्रु संपत्ति और सरकारी भूमि पर कब्जा करने के मामले सामने आए थे। इसके अलावा वाराणसी और मऊ में भी मुख्तार अंसारी और उनके परिजनों के नाम पर अवैध कब्जे की शिकायतें रही हैं। कई मामलों में यह भी पाया गया कि मुख्तार ने फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए इन भूमि पर कब्जे किए थे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मुख्तार अंसारी के खिलाफ कुल 100 से ज्यादा भूमि कब्जे और अन्य अवैध संपत्ति के मामले दर्ज थे, जिनमें से कई मामलों की जांच चल रही है और कुछ को अदालत में भी प्रस्तुत किया गया है।

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