प्रदेश सरकार के उ0प्र0 भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से 73.62 लाख निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण, श्रमिकों को मिल रहा है रोजगार

इसी प्रकार सुरक्षा से व अन्य उपकरणों की स्थापना का कार्य, मिट्टी, बालू व मौरंग के खनन का कार्य, ईट-भट्ठों पर ईट निर्माण का कार्य, सामुदायिक पार्क या फुटपाथ का निर्माण, रसोई में उपयोग हेतु माडूलर इकाईयों की स्थापना, खिड़की ग्रिल, दरवाजे आदि की गढ़ाई व स्थापना का कार्य, मकानों/भवनों की आन्तरिक सज्जा का कार्य, बड़े यांत्रिक कार्य, जैसे-मशीनरी, पुल निर्माण कार्य, अग्निशमन प्रणाली का स्थापना व मरम्मत का कार्य, ठंडे व गरम मशीनरी की स्थापना और मरम्मत का कार्य, बाढ़ प्रबन्धन व इसी प्रकार के अन्य कार्य से संबंधित सभी कार्य, बाँध, पुल, सड़़क का निर्माण या भवन निर्माण के अधीन कोई संक्रिया, स्विमिंग पूल, गोल्फ कोर्स आदि/सहित अन्य मनोरंजन सुविधाओं का निर्माण कार्य, लिपिकीय/लेखा-कर्म (किसी निर्माण अधिष्ठान लिपिक व लेखाकार के रूप में कार्यरत सभी प्रकार के कर्मकार के लिए), सभी प्रकार के पत्थर काटने, तोड़ने व पीसने का कार्य निर्माण कार्यों के अन्तर्गत आते है।
इस अधिनियम के अन्तर्गत श्रमिकों के पंजीयन के लिए निर्धारित प्रारूप पर पूर्णतया भरे हुए हस्ताक्षरित आवेदन पत्र के साथ रू0 20/-आवेदन शुल्क व रू020/- प्रथम वर्ष का अंशदान श्रमिक को देना पड़ता है। एक बार में 03 वर्ष का अंशदान भी जमा किया जा सकता है और आवश्यक अभिलेख के रूप में 02 पासपोर्ट आकार के फोटो, नियोजन प्रमाण पत्र, आधार कार्ड व बैंक पास बुक की प्रति प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है। प्रदेश सरकार ने वर्तमान में श्रमिक पंजीयन व नवीनीकरण के लिए, लिए जाने वाले शुल्क में छूट प्रदान करते हुए, दिनांक 30.09.2021 तक निःशुल्क कर दिया है।

वर्तमान प्रदेश सरकार के गठन के पश्चात् दिनांक 01.04.2017 से 31.07.2021 तक कुल 73,61,327 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। सभी पंजीकृत श्रमिकों को सम्बन्धित अधिष्ठानों से रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी प्रकार निर्माण स्थलों/अधिष्ठानों, जहां वर्ष में किसी भी दिन 10 या इससे अधिक निर्माण श्रमिक नियोजित है निर्माण स्थलों/ऐसे अधिष्ठानों की पंजीयन भी अधिनियम के अन्तर्गत अनिवार्य है। रिहायशी भवनों की स्थिति में रू010 लाख से अधिक लागत के भवनों पर ही अधिनियम के प्राविधान लागू होते है। वर्तमान प्रदेश सरकार के गठन के पश्चात् दिनांक 01.04.2017 से 31.07.2021 तक कुल 1,23,625 निर्माण स्थलों/अधिष्ठानों का पंजीयन किया गया है।
उ0प्र0 भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996 की धारा-3 के अधिनियम से आवर्त सभी भवनों एवं सन्निर्माणों के लागत का 01 प्रतिशत धनराशि उपकर के रूप में लिए जाने का प्राविधान है। वर्तमान प्रदेश सरकार के गठन के पश्चात् दिनांक 01.04.2017 से 31.07.2021 तक कुल 2966.18 करोड़ रूपये की धनराशि उपकर के रूप में सरकार को प्राप्त हुयी है। उपकर के रूप में प्राप्त धनराशि का उपयोग पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर व्यय किया जाता है।
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