UP के 13 शहर बदलेंगे मेट्रो सिटी में! ₹6000 करोड़ की टाउनशिप योजना लॉन्च

13 शहरों में बनेंगी आधुनिक टाउनशिप्स
इस योजना को "यूपी टाउनशिप नीति 2023" के अंतर्गत लागू किया जा रहा है. अलीगढ़, मेरठ, झांसी, मथुरा, आगरा, मुरादाबाद, कानपुर, फिरोजाबाद, बुलंदशहर, बांदा, अयोध्या, रामपुर और सहारनपुर जैसे 13 शहरों में ये प्रोजेक्ट विकसित किए जाएंगे.
- हर टाउनशिप कम से कम 12.5 एकड़ में फैली होगी.
- इसमें घरों के साथ-साथ व्यापारिक कॉम्प्लेक्स, स्कूल, अस्पताल और सामुदायिक भवन शामिल होंगे.
- कुछ टाउनशिप का काम सितंबर 2025 तक शुरू हो जाएगा और दिवाली तक कई जगह निर्माण की रफ्तार तेज हो जाएगी.
सरकार का वित्तीय मॉडल और रियायतें
परियोजना को सुचारु रूप से आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने विशेष वित्तीय मॉडल बनाया है. भूमि अधिग्रहण की लागत का 50% हिस्सा सरकार उठाएगी, जिसे विकास प्राधिकरण 20 साल में चुकाएंगे. रूपांतरण शुल्क में 25 से 50% तक छूट मिलेगी. परियोजनाओं की मंजूरी और कामकाज को तेज़ करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है.
सीएम योगी का आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि इस योजना में किसी भी तरह की देरी स्वीकार नहीं की जाएगी. सरकार चाहती है कि आने वाले त्योहारी सीजन से पहले कई टाउनशिप्स का काम शुरू हो जाए.
क्या होंगे लाभ
- इन टाउनशिप्स के पूरे होने से आवास की कमी काफी हद तक खत्म होगी.
- निर्माण कार्यों से रोजगार के हजारों अवसर पैदा होंगे.
- सीमेंट, स्टील और अन्य उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा.
- स्कूल, अस्पताल, दुकानें और अन्य सेवाएं स्थानीय स्तर पर रोजगार का जरिया बनेंगी.
- शहरों में भीड़ और प्रदूषण कम होगा.
- आबादी को व्यवस्थित ढंग से बसाने से जीवनस्तर सुधरेगा.
छोटे शहरों को मिलेगा मेट्रो जैसा दर्जा
सरकार का इरादा केवल मकान बनाना नहीं है, बल्कि छोटे शहरों को मेट्रो सिटी की तरह विकसित करना है. चौड़ी सड़कें, हरित क्षेत्र, जल निकासी, बिजली-पानी की सुविधा और आधुनिक सामुदायिक ढांचे इन टाउनशिप्स की खास पहचान होंगे.
मेरठ, मथुरा और कानपुर जैसे शहर पहले से चल रहे 60,000 करोड़ रुपये की योजना से जुड़े हैं. अब इन नए प्रोजेक्ट्स के माध्यम से विकास और भी विस्तारित होगा.
आम लोगों को सीधा लाभ
- नियोजित टाउनशिप्स का सबसे बड़ा फायदा आम नागरिकों को मिलेगा.
- मध्यम और निम्न आय वर्ग के लिए किफायती मकान उपलब्ध होंगे.
- शहर से बाहर जमीन सस्ती होने के कारण मकान की कीमत कम होगी.
- एक ही जगह स्कूल, अस्पताल, बाजार और पार्क जैसी सुविधाएं होंगी.
- इससे लोगों का जीवन आसान और बेहतर होगा.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।