Lockdown In Uttar Pradesh: लॉकडाउन में छूट के लिए जनता कर रही इंतजार
हर जुबान पर यही सवाल, कब खुलेगा लॉकडाउन

-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती. देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए राज्य सरकारें अपने स्तर से प्रदेश भर में दिन प्रतिदिन लॉकडाउन को बढ़ाती जा रही है. जिसका मुख्य कारण है कि लोगों को इस महामारी से बचाना, लेकिन इससे देश व प्रदेश में अधिकांश लोग बेरोजगार हो गये हैं. जिन लोगों के पास सरकारी नौकरी नहीं है वह लोग मजदूरी या कोई व्यवसाय करने को मजबूर हैं लेकिन कोरोना संक्रमण के फैलने की वजह से सरकार ने आवश्यक वस्तुओं के दुकानों के अतिरिक्त सभी दुकानों को बन्द रखने का फरमान सुनाया है, जिससे बेरोजगारी व्याप्त है.
दैनिक काम करने वाले मजदूरों को कहीं काम नही मिल पा रहा हैं वह प्रतिदिन काम की तलाश में गांव से शहर आते हैं लेकिन जब काफी इंतजार के बाद उन्हें कोई काम नहीं मिल पाता तो उनमें इतना निराशा होती है कि वह अपने घर कैसे वापस जाये क्योंकि जब वह प्रतिदिन मेहनत मजदूरी करते हैं तभी उनके घर का चूल्हा जलता है. ऐसे लोग लॉक डाउन खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
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कुछ ठेलेवालों को तो देखा गया है कि वह जब सामान्य स्थिति थी तब वह चाट, मूंगफली, समोसा आदि को लगाने वाले इस समय सब्जी की दुकानें लगाने को मजबूर हो गये हैं. जिससे कि वह अपने घर की रोजी रोटी चला सके. अगर वह ऐसा नहीं करते तो पता चलता कि कोरोना महामारी से पहले भूखों मर जाते जिसके लिए वह पुलिस की गालिया और डंडे भी खाने को तैयार हैं, जिससे परिवार की जीविका चला सके.
दूसरी ओर सरकार ठेलेवालों को 1000 हजार रूपये देने का आदेश दिया है लेकिन लोगों के पास इस बारे में अधिक जानकारी न होने के कारण वह फार्म न भर पाने के अभाव में इस लाभ को पाने से वंचित रह जा रहे हैं.
इस समय लगन भी तेज है लोग किसी तरह से अपने लड़के-लड़की की शादी किसी तरह से निपटाने में लगे हैं लेकिन शादी में लगने वाले आवश्यक समानों की दुकानों के न खुलने से शादियां करने में दिक्कते आ रही हैं. कपड़ों, श्रृगांर, कारीगर आदि के न मिलने से परेशानी हो रही है. सामान्य स्थिति में मिलने वाले सामान इस समय दुगने दामों पर मिल रहे हैं जिसे लोग बढ़ते दामों पर सामान लेने को मजबूर हैं. निगाहें सरकार के फैसले पर टिकी है.