उत्तर प्रदेश के इस जिले में ठेलों पर लगवाना होगा नेम प्लेट, अतिक्रमण पर काबू पाने के लिए तैयारी
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प्रदेश सरकार ने पटरियों पर रेहडी-ठेला लगाने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया है जिसके अंतर्गत अब अपनी पहचान को स्पष्ट रूप से साफ करने के लिए बोर्ड लगाना अनिवार्य माना जाएगा जिसका उद्देश्य शहरी क्षेत्र में अव्यवस्थित अतिक्रमण पर काबू पाना और सड़क किनारे व्यापारियों की पहचान को सुनिश्चित करवाना अब जरूरी होगा.
अव्यवस्थित अतिक्रमण को नियंत्रित सिस्टम प्लान
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में नगर निगम सीमा ठेला और रेहड़ी जो आसपास क्षेत्र में लगाते हैं अब उनको बोर्ड लगाकर अपनी पहचान करवानी होगी जिसे अपना असली नाम देखकर पहचान जा सके नगर निगम कार्यकारिणी ने प्रस्ताव पारित करके आगे बढ़ाया है. अब कावड़ यात्रा की तर्ज पर आगरा नगर निगम सीमा में या पहचान बताने होगी दिन सोमवार को पार्षद बद्री प्रसाद माहौर के प्रस्ताव को लेकर नगर निगम कार्यकारिणी सर्वसम्मति से पास करवा दिया गया है
जिसमें नगर निगम सीमा में 60000 से अत्यधिक ठेला और रेहड़ी-पटरी वाले शामिल हैं जिन्हें अपना पंजीकरण नंबर और नाम बॉर्डर पर लिखवाना अनिवार्य होगा. इसी बीच मेयर हेमलता दिवाकर की अगुवाई में एक मीटिंग में पार्षद बद्री प्रसाद माहौर ने एक प्रस्ताव समक्ष रखा की कमर यात्रा और धार्मिक मेले में इस प्रकार की दुकानों की संख्या अत्यधिक हो जाती है जिसमें इसे सीधे खाद्य पदार्थ आसानी से खरीदते हैं बीते दिनों पहले इनकी कार्यप्रणाली को लेकर कई सवाल उठाए जा चुके हैं जिस पर अन्य नगर निकायों की तरह आगरा नगर निगम भी पहचान के लिए बोर्ड लगवाया जाएगा.
पहचान बोर्ड की अनिवार्यता जरूरी
इस प्रस्ताव को लेकर सर्वसम्मति से मंजूरी मिल चुकी है जिसमें यह तय हुआ है कि बॉर्डर पर ठेला और रेहड़ी-पटरी वाले का पूरा नाम और पंजीकरण संख्या आवश्यक रूप से लिखवाना है इस कार्यकारिणी मीटिंग में कुत्ता और बंदर के बधियाकरण के मामले पर गंभीर रूप से हंगामा हुआ है. इस कार्यकारिणी सदस्य में रवि माथुर के इस प्रस्ताव को मंजूरी की हरी झंडी मिल चुकी है जिसमें वार्ड में बंदर और कुत्ता पकड़े जा रहे हैं और उनका बधियाकरण हो सके. इसमें पार्षद की सूचना दी गई है
जिसमें वास्तविकता का पता लगाया जा सके. इसी बीच मामले में मेयर ने पशु कल्याण अधिकारी डॉ अजय कुमार को फटकार लगाई गई है की एनिमल बर्ड सेंटर बादल है और घपला आखिर में क्यों करवाया जा रहा है. अब इस कार्यकारणी में आगे 1000 सफाई कर्मियों की नियुक्ति में पारदर्शिता लाने के लिए लॉटरी सिस्टम का प्रस्ताव पारित करवाया गया है पार्षद रवि माथुर ने बताया है कि मेयर की अगुवाई में पांच पार्षदों दो अधिकारियों की कमेटी लॉटरी सिस्टम को अपनाया गया है कर्मचारी ही पर्ची को निकलेगा जिसमें पारदर्शिता भी बनी रहेगी इस महीने में तैनाती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी जो कर्मचारी हटाए जाएंगे उनके स्थान पर की जाने वाले नियुक्ति भी लॉटरी से ही करवाई जाएगी.