यूपी में भूमि घोटाला में फर्जी दस्तावेजों से सरकारी जमीन पर कब्जा, प्रशासन ने दर्ज किया मामला

उत्तर प्रदेश: यूपी में स्थित गोंडा जिले के चर्चित परसपुर बाजार भूमि घोटाले में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है. इस घोटाले में सरकारी और निजी जमीनों पर गैर कानूनी तरीके से कब्जा करने के गंभीर आरोप सामने आए हैं.
जानकारी के मुताबिक, इस मामले में पीड़ित अनिल कुमार रस्तोगी ने ज़िला अधिकारी (डीएम) से शिकायत की थी. शिकायत की गंभीरता को देखते हुए डीएम के आदेश पर उप जिलाधिकारी (एसडीएम) तरबगंज की अगुवाई में एक विशेष जांच कमेटी गठित की गई.
जांच के दौरान समिति को चौंकाने वाली बातें पता चली. जांच में यह पाया गया कि जिन जमीनों की रजिस्ट्री कराई गई थी, उनके सभी दस्तावेज फर्जी हैं. आरोपियों ने नकली इकरारनामे तैयार किए, साथ ही फर्जी पहचान पत्र, झूठे गवाहों और जाली हस्ताक्षरों का भी सहारा लिया.
एसडीएम तरबगंज की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने तत्काल FIR कर लिया है. परसपुर थाना प्रभारी तेज प्रताप सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा उप निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह को सौंपा गया है.
पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों ने मिलीभगत कर सरकारी और निजी भूमि पर अवैध कब्जा जमाने के लिए सुनियोजित षड्यंत्र रचा. इस साजिश में कुल 18 व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से राघवेंद्र सिंह, कुंवर महावीर सिंह और कुंवर राजेंद्र सिंह शामिल हैं.
थाना प्रभारी तेज प्रताप सिंह ने बताया कि सभी आरोपों की जांच की जा रही है. उप निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह साक्ष्यों के संकलन में जुटे हुए हैं और उनके आधार पर जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी.

प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि इस घोटाले के वित्तीय और कानूनी दोनों पहलुओं की जांच कराई जाएगी. साथ ही यह भी संकेत दिए गए हैं कि यदि किसी सरकारी कर्मचारी की भागीदारी पाई जाती है, तो उस पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. वर्तमान में, इस घोटाले को लेकर पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमें जांच में जुटी हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.