गोरखपुर में सर्किल रेट बढ़ने की तैयारी, जानें आपके इलाके पर असर

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित गोरखपुर जिले में जमीन की कीमत निश्चित करने वाले सर्किल रेट को बढ़ाने की प्रक्रिया तेज़ हो गई है. इस बार निबंधन विभाग सक्रियता से कार्य कर रहा है और पुराने आंकड़ों की गहराई से समीक्षा की जा रही है. जानकारी के मुताबिक, शहर के आसपास के 20 से अधिक गांवों में जमीन का सर्किल रेट में 3 गुना बढ़ोतरी हो सकता है.
साल 2016 में जिले में आखिरी बार सर्किल रेट में बढ़ोतरी हुई थी. परंतु अब बाजार में जमीन की कीमत बहुत बढ़ चुकी है, हांलांकि सर्किल रेट अब भी पुराने हैं. इसी कारण विभाग ने 3 चरणों में गणना कर रेट में परिवर्तन की योजना बनाई है.
पहले चरण में शहर और उसके विकसित हो रहे क्षेत्रों की समीक्षा की जा रही है. दूसरे चरण में सीमावर्ती जिलों के गांवों को शामिल किया गया है जिससे रेट में बहुत अधिक अंतर न हो. यहां 15% से अधिक अंतर न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
गोरखपुर के जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि "सभी तहसीलों से सर्किल रेट का प्रस्ताव मांगा गया है. जांच और समीक्षा के बाद इसे सरकार को भेज दिया जाएगा."
सदर तहसील के अंतर्गत आने वाले 20 से अधिक गांव ऐसे हैं जहां इन दिनों जमीन की खरीद-फरोख्त तेज़ी से हो रही है. निबंधन कार्यालय ने बैनामों के आंकड़ों के आधार पर इन गांवों की सूची तैयार की है. यही आधार बनाकर अन्य तहसीलों की सूची भी बनाई जाएगी.
इन गांवों में सर्किल रेट में 3 गुना तक की बढ़ोतरी हो सकती है. वहीं, कुछ ऐसे गांव भी हैं जहां जमीन की बिक्री कम है. ऐसे लगभग 12 गांवों में रेट 1.5 गुना तक बढ़ाने की संभावना है. जिले के सभी तहसीलों से प्रस्तावित सर्किल रेट मांगे गए हैं. इन सभी का जांच हो जाने के बाद अंतिम प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।