यूपी में सात लाख कर्मियों के लिए खुशखबरी, सरकार ने दिया यह निर्देश
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का न्यूनतम मानदेय बढ़ाकर 18.000 रुपये करने का ऐलान किया है। अभी तक यह मानदेय 16 हजार रुपए न्यूनतम था। बजट में हुई इस घोषणा से प्रदेश में 9 लाख आउटसोर्स कर्मचारी में खुशी का माहौल है। सीएम योगी के इस फैसले पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने खुशी व्यक्त की है।
मिलेगा सीएल, मेडिकल और टाइम पर सैलरी
यूपी के 7 लाख आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए खुशखबरी
ऐसी स्थिति में कर्मचारियों के ईपीएफ या ईएसआई खातों की मॉनिटरिंग व जवाबदेही तय कर पाना मुश्किल हो जाता है। निगम कर्मचारियों, एजेंसियों एवं विभागों के लिए वन स्टॉप सेंटर के तौर पर काम करेगा। पोर्टल के जरिए एजेसियों एवं कर्मियों को रजिस्टर्ड करवाया जाएगा। ईपीएफ व ईसीआई में भुगतान की केंद्रीयकृत व्यवस्था होगी। कर्मचारी को उसका लाभ लेने के लिए निगम के पोर्टल पर ही आवेदन करना होगा। संस्थाओं से समन्वय स्थापित कर लाभ दिलाने की जिम्मेदारी निगम उठाएगा। निगम के बन जाने के बाद ईपीएफ या ईएसआई (एंप्लाई स्टेट इंश्योरेंस) आदि की सेवाओं में आने वाली दिक्कतें भी काफी हद तक हल हो सकेंगी। एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि बहुत बार शिकायतों के आधार पर एजेंसी बदल दी जाती है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि 1 अप्रैल से आउटसोर्स कर्मियों को बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस फैसले से आउटसोर्स कर्मियों के चेहरे खिल उठे हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा विगत एक वर्ष से आउटसोर्स कर्मियों के मानदेय को निश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा था। अध्यक्ष जेएन तिवारी ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री से दो बार मुलाकात की गई थी। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 5 लाख आउटसोर्स कर्मियों को फायदा होगा। परिषद ने आउटसोर्स कर्मियों के लिए एक नियामावली बनाने की भी मांग की है, जिससे चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री से प्रदेश की आशा बहुओं को भी 18ए000 रुपये के फिक्स मानदेय की परिधि में लाने की मांग की है।