Lucknow Mail को लेकर बड़ी खबर, अब लखनऊ जंक्शन से नहीं इस स्टेशन से चलेगी दिल्ली तक की ट्रेन

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Lucknow Mail को लेकर बड़ी खबर, अब लखनऊ जंक्शन से नहीं इस स्टेशन से चलेगी दिल्ली तक की ट्रेन
Lucknow Mail को लेकर बड़ी खबर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित चारबाग रेलवे स्टेशन को उसकी शान दोबारा वापस मिलने जा रही है. 15 अगस्त गुरुवार से लखनऊ से दिल्ली और दिल्ली से लखनऊ आने जाने वालों की पसंदीदा लखनऊ मेल अब लखनऊ जंक्शन की जगह चारबाग से चलेगी. 14 नंवबर 2018 से लखनऊ मेल पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ जंक्शन चल रही थी. पांच साल 9 महीने से इस ट्रेन का ऑपरेशन लखनऊ जंक्शन से हो रहा था. अब रेलवे की ओर से दावा किया जा रहा है कि उत्तर रेलवे के तहत चारबाग रेलवे स्टेशन से लखनऊ मेल का संचालन आसानी से होगा सकेगा.

यात्रियों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए बुधवार को ही अनाउंसमेंट करा दी गई थी कि लखनऊ मेल जंक्शन से नहीं बल्कि चारबाग से चलेगी. इसके लिए हेल्प डेस्क भी बनाई गई है. 

लखनऊ मेल के चारबाग से चलने के पहले ही जीआरपी भी सतर्क हो गई है. उन्होंने कहा कि यात्रियों को कोई असुविधा न हो इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ तैनात किया जाएगा.

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उत्तर रेलवे से लखनऊ मेल चलाने का फायदा ये है कि अब इसमें ईंधन भरने का काम जल्द हो सकेगा. इससे प्लेटफॉर्म अधिक देरी तक रोकने की जरूरत नहीं होगी. लखनऊ मेल के पूर्वोत्तर रेलवे से उत्तर रेलव पर रखरखाव के लिए लाया जाता था. इससे ट्रैक बाधित होता था जो कि अब नहीं होगा. लखनऊ मेल का रखखाव उत्तर रेलवे में होता था. रवानगी से पहले इसे पूर्वोत्तर रेलवे में शंट किया जाता था.

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यह ट्रेन 100 साल से चल रही थी. पहले इसका गाड़ी नंबर 303/304 था. फिर  4229/4230 हुआ. साल 2005 में जब गाड़ी सुपरफास्ट हुई तब इसका नंबर 1229 किया गया.

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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती

वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।

उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है