यूपी के इन दो जिलों को जोड़ने वाली रेल ट्रैक पर हुआ बड़ा बदलाव, ट्रेनों की बढी रफ्तार
। ट्रेन अब और भी तेज रफ्तार से दौड़ेगी, जिससे यात्रियों का समय भी बचेगा
भारतीय रेलवे ने देशभर में कई ट्रेनों की समय सारिणी में बदलाव किया है। विभिन्न मंडलों व जोन में लगातार चल रहे पटरियों के काम का लाभ अब यात्रियों को नई समय. सारिणी से मिलेगा। बता दें कि लंबी दूरी की कई ट्रेनों का समय बदला गया है।
दोहरी लाइन वाले हो गए वाराणसी जाने वाले तीनों रेलमार्ग
महाकुंभ के मद्देनजर तेजी से हुआ कार्य
वाराणसी जाने को माहभर पूर्व यह एकमात्र दोहरीकरण वाला रेलमार्ग था, लेकिन अब एक माहभर में ही दो अन्य रेलमार्ग भी दोहरी लाइन वाले हो गए हैं। इसमें प्रयागराज जंक्शन-प्रयागराज-रामबाग-ज्ञानपुर रोड-वाराणसी रेलमार्ग प्रमुख रूप से शामिल हैं।पीएम मोदी ने 13 दिसंबर को ही इस रेलमार्ग पर बने नए गंगा पुल के साथ दोहरीकरण का लोकार्पण किया था। यह रेलमार्ग पूर्वोत्तर रेलवे के अधीन है। काशी में दो रेलमंडल समाहित है। पूर्वाेत्तर रेल के बनारस मंडल अंतर्गत मीरजापुर, भदोही जनपद को छूती ट्रेनें प्रयागराज पहुंचती है। इस रेल मंडल के झूंसी-प्रयागराज के बीच सात किमी. का अंतिम रेलखंड दोहरीकरण से अछूता रह गया था। जिसे गत 11 दिसंबर को सीआरएस (कमिशन आफ रेलवे सेफ्टी) ने ट्रेनों के संचालन को अनुमति दी थी। इसी तरह वाराणसी के लिए एक अन्य तीसरे रेलमार्ग का भी दोहरीकरण हो चुका है। प्रयागराज जंक्शन.फाफामऊ.जंघई.वाराणसी रेल मार्ग के फाफामऊ.उग्रसेनपुर रेलखंड का शनिवार को ही सीआरएस ने ट्रायल लिया। डीआरएम लखनऊ एसएम शर्मा का कहना है कि दोहरीकरण हुए फाफामऊ.जंघई रेलमार्ग पर सीआरएस ट्रायल के बाद ट्रेन संचालन की अनुमति दे दी गई है। इसी तरह नार्दन रेल के लखनऊ मंडल अंतर्गत ट्रेनें वाराणसी, भदोही को छूती हुई प्रयागराज पहुंचती हैं। नार्दन रेलखंड पर उग्रसेनपुर-जंघई-फाफामऊ रेलखंड के 35 किमी. दूरी के दोहरीकरण (झूंसी-प्रयागराज रेलखंड के दोहरीकरण परमीशन अनुमति के ठीक 20 दिन बाद) को सीआरएस ने ट्रेनों के परिचालन की अनुमति दे दी।