UP की महिला ने SHG से ऋण लेकर शुरू किया व्यवसाय, आज करती हैं 10–15 हजार प्रति माह कमाई
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धैर्य और मेहनत से पार की कठिनाइयाँ
खेती-बाड़ी कम होने और गांव में रोज़गार की कमी के कारण श्रीमती ज्योति देवी पहले आर्थिक संकटों का सामना करती थीं. बच्चों के लिए भोजन और स्कूल की व्यवस्था करना मुश्किल था. 2016 में आजीविका मिशन द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई और अपने आस-पास की गरीब महिलाओं को समूह से जोड़ने में भी महती योगदान दिया.
समूह से ऋण लेकर व्यवसाय की शुरुआत
2017 में स्व-रोज़गार की ओर उनका रूझान बढ़ा और बी-2 बाजार के स्थापना के बाद उन्हें अपने उत्पादों की बिक्री का प्लेटफॉर्म मिला. इस बाजार में स्वयं सहायता समूह की महिलाएँ अपने उत्पाद बिना किसी किराए के बेच सकती हैं.
आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की कहानी
आज श्रीमती ज्योति देवी सफल गृहिणी और व्यवसायी दोनों हैं. उनके फास्ट फूड स्टॉल से उन्हें प्रतिमाह लगभग रू. 10,000 से 15,000 की आमदनी होती है, जिससे वे अपने परिवार का पालन-पोषण अच्छी तरह कर पा रही हैं. उन्होंने अपने जीवन में आए इस सकारात्मक परिवर्तन के लिए उ.प्र. राज्य आजीविका मिशन का धन्यवाद भी व्यक्त किया.
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