UP में सीमा से लगे गांवों में बड़ा बदलाव, मिलेंगी ये सभी नई सुविधाएं !
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पंचायतों के समग्र प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए जनपद स्तरीय अधिकारियों और कर्मचारियों को ‘पंचायत एडवाइसमेंट इंडेक्स (पीएआई)’ की जानकारी प्रदान करने हेतु उत्थान ऑडिटोरियम बहराइच में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) मुकेश चन्द्र ने बताया कि बाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती गांवों में जीविकोपार्जन के लिए पलायन और अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को 100 प्रतिशत क्रियान्वित किया जाएगा.
सीडीओ ने कहा कि यह केंद्र प्रायोजित योजना सीमावर्ती गांवों के व्यापक विकास के लिए बनाई गई है, ताकि इन क्षेत्रों से लोगों का पलायन रुके और उन्हें स्थायी रोजगार के अवसर मिलें.
योजना का लक्ष्य है –
बुनियादी ढांचे में सुधार: सड़क, ऊर्जा और टेलीकॉम कनेक्टिविटी

आजीविका सृजन: कौशल विकास, उद्यमिता, सहकारी समितियों के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा
स्थायी विकास: स्थानीय प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों के आधार पर स्थायी इको-एग्री बिजनेस
सामाजिक कल्याण: गांववासियों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना
पलायन रोकना: सीमावर्ती गांवों में स्थायी रहने के लिए प्रोत्साहन
पर्यटन और संस्कृति: ‘एक गांव, एक उत्पाद’ की अवधारणा के माध्यम से परंपरा और विरासत को बढ़ावा
वित्तीय समावेशन: सभी के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना
महिला एवं युवा सशक्तिकरण: कौशल विकास और उद्यमिता के माध्यम से युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाना
सीडीओ ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे स्थलीय भ्रमण कर योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए कार्ययोजना तैयार करें, जिसमें विशेष ध्यान रोजगार सृजन पर दिया जाए.
कार्यक्रम के दौरान आयुष चिकित्सक डॉ. पीयूष नायक ने कार्ययोजना तैयार करने और सीमावर्ती गांवों के विकास में सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए.
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