Up election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में क्यों इतने अहम हैं ब्राह्मण?
Brahmins In UP Election 2022: - उन्नाव, भारत समाचार को लेकर सपा हमलावर - अयोध्या में बसपा ने ब्राह्मण सम्मेलन कर फूंका चुनावी शंखनाद - खुशी के सहारे अपनी खुशी तलाश रही कांग्रेस

लखनऊ. विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) की आहट आते ही राजनीतिक दलों का ब्राह्मण (Brahmins In Up Election) प्रेम जाग गया है. अधिकांश दल ब्राह्मण (Brahmins In Up Election) हितैषी दिखने की होड़ में है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party In Up Election) द्वारा उन्नाव में एक ब्राह्मण (Brahmins In Up Election) पत्रकार के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले को जमकर उछाला गया. दूसरे ही दिन प्रशासन ने फ्रंटफुट पर आकर मामले की हवा निकाल दी. पत्रकार के सामने संबंधित अधिकारी ने माफी मांग कर उसे मिठाई खिला दी. ऐसे में मामला शान्त हो गया.
एक वर्ष पहले हुए विकास दुबे एनकाउन्टर के बाद विपक्षी दलों द्वारा भाजपा को ब्राह्मण (Brahmins In Up Election) विरोधी बताने की मुहिम चलने लगी. बिकरू काण्ड में एनकाउन्टर के बाद चली छानबीन में खुशी दूबे को पुलिस ने अपने हिरासत में लिया. कांग्रेस ( Congress Party In Up Election)ने इसे लपकते हुए जमकर भुनाने की कोशिश की. सपा (Samajwadi Party In Up Election) ने भी मोर्चा खोल रखा था. बिकरू काण्ड के बाद से अब तक खुशी दूबे जेल में है. इसके लिए सोशल मीडिया पर अक्सर आवाजें उठती रही है. ऐसे में इस तरह के सवालों से भाजपा को अक्सर फजीहत झेलनी पड़ती है. माना जा रहा है की भाजपा से कुछ ब्राह्मणों (Brahmins In Up Election)का मोहभंग हो गया है. ऐसे में ब्राह्मण (Brahmins In Up Election) वोटरों को रिझाने के लिए सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है.
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सतीश चन्द्र मिश्र ने भी बसपा (Samajwadi Party In Up Election) से ब्राह्मणों (Brahmins In Up Election) को जोड़ने के लिए पूरे प्रदेश में ब्राह्मण (Brahmins In Up Election) सम्मेलन किये. तब से अब तक राजनीतिक हालात बहुत बदल चुके है. बसपा (Samajwadi Party In Up Election) के पुराने साथी एक-एक कर साथ छोड़ चुके है. कुछ दिग्गजों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. पंचायत चुनाव में पार्टी की हार ने कार्यकर्ताओं के मनोबल को बुरी तरह से तोड़ दिया है.
2017 से सत्ता से बाहर रही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party In Up Election) ब्राह्मण (Brahmins In Up Election) उत्पीड़न के हर मुद्दे को लपक रही है. ब्राह्मणों (Brahmins In Up Election) के साथ खड़े दिखने की चाहत में सपा (Samajwadi Party In Up Election) अपने कार्यकर्ताओं में जोश भर रही है. ऐसे में ब्राह्मण (Brahmins In Up Election) मतदाता मौन होकर सबको देख रहा है. सबकी बातों को सुन रहा है. बिकरू काण्ड के बाद उपजे असंतोष के सुर अब बदल चुके है. समय घावों पर मरहम लगा रहा है.
भारत समाचार (Bharart Samachar IT Raid) के बृजेश मिश्र (Brajesh Mishra) के घर हुए आयकर छापों के बाद अब तक ब्राह्मणों (Brahmins In Up Election) की तरफ से विरोध की आवाज नहीं सुनाई दे रही है. वहीं बसपा (Samajwadi Party In Up Election) अयोध्या ( Ayodhya News) में हुए सम्मेलन में फिर से बिकरू काण्ड को लेकर हमलावर दिखी. खुशी दूबे के केस को बसपा (Samajwadi Party In Up Election) ने लड़ने के लिए कहा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है की बसपा (Samajwadi Party In Up Election) ने अब तक खुशी दूबे का केस क्यों नहीं लड़ा ?
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कांग्रेस ( Congress Party In Up Election)नेताओं के बयानों पर गौर करें तो बसपा (Samajwadi Party In Up Election) द्वारा खुशी दूबे का केस लड़े जाने का पार्टी नेता स्वागत कर रहे हैै. ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में आठ फीसद ब्राह्मण (Brahmins In Up Election) मतदाताओं पर सभी दलों ने टकटकी लगा रखी है. देखना दिलचस्प होगा की ये आठ फीसद वोटर किसकी झोली में गिरते है.