साठ हज़ारी सेंसेक्स के सबक

अंशुमाली रस्तोगी

साठ हज़ारी सेंसेक्स के सबक
Opinion Bhartiya Basti 2


सेंसेक्स को बधाई साठ हजारी होने पर। यहां तक का सफर उसके लिए आसान न था। कितनी ही विकट परिस्थितियों को पार करते हुए, वो यहां तक पहुंचा है। हार न मानना, डटे रहना ही तो उसका एकमात्र ध्येय रहा। घोर निराशा के क्षणों में प्राय: मैं सेंसेक्स का ही ध्यान किया करता हूं। जब वो भयंकर गिरावट का मुकाबला दृढ़ता से कर सकता है, मैं तो फिर भी इंसान हूं।
कोरोना काल के बीच सेंसेक्स के साठ हजारी होने की खबर थोड़ी राहत और थोड़ी खुशी लेकर आई है। दलाल पथ पर छाई रौनक देखते ही बनती है। तेजडिय़ों के चेहरे खिले हुए हैं। अर्थव्यवस्था में उत्साह और उछाल आया हुआ है। शेयर बाजार के पंडित अलग ही चहक रहे हैं। चैनलों पर आ-आकर बता रहे हैं कि देखो, मैंने न कहा था कि फलां शेयर इतना ऊंचा हो जाएगा। सेंसेक्स यहां तक पहुंच जाएगा। प्राय: देखा है, जब भी सेंसेक्स ऊंचाई को छूता है कितने ही जानकार-विशेषज्ञ जाने कहां-कहां से निकल आते हैं अपनी बात ऊंची करने को।
सेंसेक्स की अपनी चाल है। इसे समझ पाना किसी के बस की बात नहीं। ये कब अपनी चाल बदल ले, कब किस दिशा में चल दे, कोई नहीं जानता। जो यह दावा करते हैं कि उन्होंने शेयर बाजार की चाल-ढाल को समझ लिया, वे 'शेखचिल्लीÓ हैं। लंबी-लंबी छोडऩा जानते हैं। कितने ही लोग उनके झांसे में आ भी जाते हैं। लेकिन पछताते तब हैं, जब चिडिय़ा पूरा खेत चुगकर उडऩछू हो चुकी होती है। यहां से लाभ लेना है तो सिर्फ अपना दिमाग लगाइए। दूसरों के दिमागों पर निर्भर रहेंगे तो हाथ में बची रही-सही पूंजी भी गंवा देंगे।
खबरें आने लगी हैं कि शेयर बाजार में बनी तेजी कुछ साल अभी ऐसी ही रहेगी। अभी वो साठ हजार के स्तर को मेन्टेन रख पाएगा या नहीं, ये देखना महत्वपूर्ण है। क्योंकि बहती गंगा में हाथ धोने हर कोई निकल आता है।
तेजी के बीच तेजडिय़ों को उछलता देखकर मुझे मंदडिय़ों का ख्याल आ जाता है कि वे क्या सोच रहे होंगे? शायद यही सोच रहे होंगे कि कब सेंसेक्स उलटे मुंह गिरे और वे तेजडिय़ों पर हावी हों। शेयर बाजार में तेजडिय़ों से कहीं बड़ा रोल मंदडिय़ों का होता है। मंदडि़ए नुकसान सहकर भी 'बादशाहÓ बने रहते हैं। मंदी को झेलने के लिए उनका दिल मजबूत होता है।
सेंसेक्स ने साठ हजारी बनकर मौका दिया है जश्न मनाने का तो मनाइए। गिले-शिकवे परे रखिए। कभी खुशी, कभी गम के साथ रहना सीखिए। गिरकर कैसे संभला और उठा जाता है- ये सेंसेक्स की जिजीविषा से सीखिए। शेयर बाजार के समंदर में गोते लगाने से बेहतर है- किनारे रहकर ही तैरते रहना। एक न एक दिन तर ही जाएंगे। शेष मोहमाया है।

On
Tags:

About The Author

Bhartiya Basti Picture

Bhartiya Basti