और बढ़ी IAF की ताकत, मिले 8 अपाचे हेलिकॉप्टर
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने मंगलवार सुबह पठानकोट एयरबेस (Pathankot Airbase) में 8 अपाचे हेलीकॉप्टरों (8 Apache helicopter) को शामिल किया. आठ नए अमेरिकी निर्मित अपाचे एएच -64 ई हमले हेलीकॉप्टर वायु सेना की लड़ाकू शक्तियों को और मजबूत बनाएंगे.
पठानकोट एयरबेस में हुए समारोह में वायु सेना प्रमुख मार्शल बीएस धनोआ (Air Force chief Marshal BS Dhanoa) मुख्य अतिथि थे. वायु सेना प्रमुख और पश्चिमी वायु कमांडर एयर मार्शल आर नांबियार ने पठानकोट एयरबेस में प्रेरण से पहले एक ‘पूजा’ समारोह किया.भारत अपाचे हमले के हेलीकाप्टरों का संचालन करने वाला दुनिया का 14 वाँ देश है.
IAF के प्रवक्ता अनुपम बनर्जी ने कहा, ‘यह IAF में विमान का एक औपचारिक इंडक्शन है. अभी तक, हमारे पास 8 विमान हैं. 22 विमान चरणबद्ध तरीके से आएंगे और सभी को IAF में शामिल किया जाएगा. हमारे पास पहले भी अटैक करने वाले हेलिकॉप्ट थे, लेकिन यह विमान बड़ी सटीकता के साथ घातक गोलाबारी करता है.’
एएच -64 ई अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से एक है और अमेरिकी सेना द्वारा उड़ाया जाता है.
अपाचे हमले के हेलीकॉप्टरों को इंडक्शन से पहले एयरबेस में पानी की सलामी दी गई.
IAF प्रमुख धनोआ ने कहा, ‘अपाचे हेलीकॉप्टरों को IAF की जरूरतों के अनुसार संशोधित किया गया है. हम समय पर हेलीकॉप्टरों की निर्धारित डिलीवरी से बहुत खुश हैं.’
IAF ने 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे.
बोईंग द्वारा 27 जुलाई को 22 हेलीकॉप्टरों में से पहले चार को वायु सेना को सौंप दिया गया था.
हिंडन एयर बेस पर भारतीय वायुसेना के अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी अनुबंध होने के लगभग चार साल बाद हुई.
इसके अतिरिक्त, रक्षा मंत्रालय ने 2017 में सेना के लिए 4,168 करोड़ रुपये की लागत से बोइंग से छह अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद की.
यह अटैक हेलिकॉप्टरों का पहला बेड़ा होगा. 2020 तक, भारतीय वायुसेना 22 अपाचे का बेड़ा संचालित करेगी.
भारतीय वायु सेना के लिए AH-64E अपाचे ने जुलाई 2018 में सफल पहली उड़ानें पूरी कीं. भारतीय वायु सेना के दल के पहले बैच ने 2018 में अमेरिका में अपाचे को उड़ाने के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू किया.
आईएएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अपाचे बेड़े के अलावा बल की लड़ाकू क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी क्योंकि हेलिकॉप्टर को भारतीय वायुसेना की भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है.