यह तो पहले से तंय था कि कश्मीर पर निर्णय के बाद पड़ोसी पाकिस्तान का सुर स्वाभाविक रूप से तीखा होगा किन्तु वह परमाणु हमले तक की बात पर उतर आयेगा यह हास्यास्पद ही है। सन्तोषजनक बात यह कि उसे विश्व स्तर पर समर्थन नहीं मिल पा रहा है और पड़ोसी चीन की असमंजस बना हुआ है। पाकिस्तान जितनी ताकत भारत को आंख दिखाने में कर रहा है यदि यही शक्ति वह पाकिस्तान की सफलता के लिये करता तो शायद उसे यह दिन न देखने पड़ते।