बस्ती मण्डल से 36 डॉक्टर किए जाएंगे बर्खास्त
आयुक्त सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने बस्ती (Basti)व सिद्धार्थनगर (Siddarthnagar) के सीएमओ से अनुपस्थित डॉक्टरों के संबंध में रिपोर्ट तलब किया है.
उन्होंने कहा कि अगर ये डॉक्टर ड्यूटी पर वापस नही आते है तो इन्हें बर्खास्त कर नये डॉक्टर तैनात किए जायेंगे.
उल्लेखनीय है कि ये डॉक्टर अपने नियुक्ति के समय से ही अनुपस्थित चल रहे है, जिसके कारण इनकी जगह नये डॉक्टरों की तैनाती नही हो पा रही है.
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प्रमुख सचिव ने समीक्षा में पाया कि बस्ती में 15 तथा सिद्धार्थ नगर में 21 डॉक्टर अपनी तैनाती के समय से ही अनुपस्थित चल रहे है. इनको नोटिस जारी करने के बाद भी ये वापस काम पर नही आये.
प्रमुख सचिव ने बस्ती में 70 निष्क्रिय आशाओं को न हटाने के बावत सीएमओ से पूछताछ किया. उन्होंने कहा कि मिशन निदेशक द्वारा स्पष्ट निर्देश दिये जाने के बावजूद भी पिछले 08 माह से इन निष्क्रिय आशाओं को अभी तक क्यों नही हटाया गया.
इनके निष्क्रिय रहने से स्वास्थ्य योजनाए प्रभावित हो रही है. उन्होने मण्डल के सभी सीएमओं को निर्देश दिया कि निष्क्रिय आशाओं को हटा कर नये आशाओं की भर्ती कराये.
उन्होंने कहा कि बस्ती मण्डल में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान अच्छा काम हुआ है जिसके परिणाम स्वरूप यहॉ जेई/एईएस के केस कम आये है तथा मृत्यु भी कम हुयी है. इसकी चर्चा न केवल देश में बल्कि विदेश में भी हुयी है.
Je/Aes में आई कमी
समीक्षा में उन्होने पाया कि वर्ष 2019 में अभी तक एईएस के 116 केस हुए है और 06 की मृत्यु हुयी है, शेष का समुचित इलाज किया गया है. वर्ष 2018 में कुल 120 केस हुए थे और 19 मृत्यु हुयी थी.
प्रमुख सचिव ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान में शिक्षा विभाग की विशेष भूमिका है. शिक्षक यदि छात्र-छात्राओं को अच्छी प्रकार से साफ-सफाई एवं स्वच्छता के प्रति सजग कर दे तो आने वाले कुछ समय में अभियान चलाने की आवश्यकता नही रह जायेंगी.
उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को जेई/एईएस, डेंगु, स्वाईन फ्लू आदि के लक्षण एवं बचाव के तरीके बता दिये जाय तो वे स्कूल एवं घर में इसका प्रयोग जरूर करेंगे. उन्होने उदाहरण दिया कि दिल्ली में बच्चों ने ही दीपावली के अवसर पर पटाखे दागने से मना किया था.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास के साथ-साथ ग्राम्य विकास, जल निगम, पंचायती राज, कृषि, पशु पालन, सूचना आदि विभाग आपसी समन्वय से अभियान संचालित करें.
दिव्यांग विभाग को उन्होंने निर्देश दिया कि जेई/एईएस (JE/AES)से दिव्यांग हुए बच्चे को एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता तत्काल दिलवाये. सहायक उपकरण भी दिलवाये. सीएमओ (cmo) ऐसे दिव्यांग की सूची समय से विभाग को उपलब्ध करा दें.
दिया अच्छे काम का आश्वासन
आयुक्त अनिल कुमार सागर ने कहा कि जेई/एईएस फैलने का यही समय है. इसी माह में संचारी रोग नियंत्रण, पोषण माह संचालित किया जा रहा है. यह विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे गुणवत्तापूर्वक अभियान संचालित करें तथा स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें.
उन्होंने आश्वस्त किया कि अधिकारियों की टीम अच्छी है तथा पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अच्छा कार्य करेंगी.
बैठक का संचालन अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ0 रंगजी द्विवेदी ने किया. उन्होंने बताया कि मण्डल में पूराने एम्बुलेन्स की जगह नये एम्बुलेन्स आ रही है. इसका रिसपॉन्स समय लगभग 20 मिनट है.
उन्होने बताया कि मण्डल के सभी उच्च संवेदनशील गांव में इसी प्रकार के निरोधात्मक कार्य किए जा रहे है.
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