लगातार चौंथे दिन सेंसेक्स में ज़बरदस्त उछाल! जानिए इस रफ्तार के पीछे के 5 बड़े कारण

लगातार चौंथे दिन सेंसेक्स में ज़बरदस्त उछाल! जानिए इस रफ्तार के पीछे के 5 बड़े कारण
Sensex has seen a massive jump for the fourth consecutive day! Know the 5 major reasons behind this growth

भारतीय शेयर बाजार में इन दिनों ज़बरदस्त जोश देखने को मिल रहा है। 17 अप्रैल को एक बार फिर सेंसेक्स और निफ्टी ने तेज़ी की नई लहर को जारी रखा। सेंसेक्स 1509 अंकों की जबरदस्त बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि निफ्टी ने एक बार फिर 23,800 के स्तर को पार कर लिया। यह लगातार चौथा दिन है जब भारतीय शेयर बाजार में ज़बरदस्त तेजी देखने को मिली है।

पिछले 4 दिनों में सेंसेक्स 4% से भी ज़्यादा चढ़ चुका है, जो हाल के हफ्तों में सबसे बड़ी साप्ताहिक तेजी मानी जा रही है। इस उछाल की वजह से बीएसई में लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू ₹4.5 लाख करोड़ से ज्यादा बढ़ गई है।t

तो आखिर क्यों आई बाजार में इतनी जबरदस्त रफ्तार? चलिए जानते हैं इसके पीछे के 5 सबसे बड़े कारण—

1. भारतीय रुपये की मज़बूती

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भारतीय रुपया लगातार चौथे दिन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मज़बूत होता नजर आया। आज की शुरुआत में रुपया 10 पैसे की मजबूती के साथ 85.54 के स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले बुधवार को भी रुपया 16 पैसे चढ़कर बंद हुआ था।

रुपए की मजबूती का बड़ा कारण रहा विदेशी निssवेशकों की वापसी और वैश्विक स्तर पर डॉलर की कमजोरी। जब रुपया मज़बूत होता है तो विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश करना और आकर्षक लगने लगता है। इसका सीधा फायदा शेयर बाजार को मिलता है।

2. ग्लोबल संकेतों से मिला समर्थन

एशियाई बाजारों में भी आज का दिन पॉजिटिव रहा। साउथ कोरिया का KOSPI इंडेक्स करीब 1% चढ़ा, जापान का निक्केई 1.32% और हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स भी 1% से ज्यादा की तेजी के साथ बंद हुआ।

सिर्फ एशियाई ही नहीं, अमेरिकी बाजारों में भी बेहतर शुरुआत की उम्मीद जताई गई। वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स हरे निशान में ट्रेड कर रहे थे, जो यह संकेत देता है कि वैश्विक निवेशकों का सेंटीमेंट फिलहाल सकारात्मक है।

3. विदेशी निवेशकों की वापसी

बाजार में लगातार दूसरा दिन था जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयरों में जबरदस्त खरीदारी की। बुधवार को FIIs ने ₹3936 करोड़ के शेयर खरीदे। हालांकि घरेलू निवेशकों (DIIs) ने ₹2500 करोड़ की मुनाफावसूली की।

विशेषज्ञों का कहना है कि FIIs अब घरेलू कंज़म्प्शन से जुड़े सेक्टरों में हाई क्वालिटी लार्ज कैप स्टॉक्स को खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। इससे बाजार को जबरदस्त सपोर्ट मिल रहा है, और निवेशकों का भरोसा भी बढ़ रहा है।

4. भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की उम्मीद

एक और बड़ी वजह रही भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौता। आने वाले महीनों में दोनों देशों के बीच एक द्विपक्षीय ट्रेड डील होने की उम्मीद जताई जा रही है। यह डील भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है।

अमेरिका पहले ही भारत को अपने रणनीतिक सहयोगियों में गिनता है। अगर चीन और अमेरिका के बीच तनाव फिर से बढ़ता है, तो भारत को एक विकल्प के रूप में देखा जा सकता है, जिससे भारतीय कंपनियों को नए मौके मिल सकते हैं।

5. लार्ज कैप स्टॉक्स में खरीदारी की लह

बाजार में आई इस तेजी का बड़ा कारण लार्ज कैप कंपनियों में आई खरीदारी भी रहा। ब्लूचिप स्टॉक्स जैसे Bharti Airtel, Zomato, ICICI Bank, Sun Pharma और SBI के शेयरों में सिर्फ आज के दिन 3% तक की उछाल देखने को मिली।

पिछले कुछ महीनों से लगातार गिरे हुए इन स्टॉक्स के वैल्यूएशन अब निवेशकों को आकर्षक लग रहे हैं। ऐसे में इन स्टॉक्स में आई मजबूती ने पूरे बाजार को ऊपर खींचने में बड़ी भूमिका निभाई है।

क्या यह तेजी टिकाऊ है? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

अब सवाल उठता है कि क्या यह तेजी आगे भी जारी रह पाएगी?

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाजार के सामने दो बड़ी चिंताएं खड़ी हैं। पहली चिंता कंपनियों के मार्च तिमाही के नतीजों को लेकर है। अगर तिमाही नतीजे उम्मीद से कमजोर आते हैं तो इसका असर बाजार की चाल पर पड़ सकता है।

दूसरी चिंता : की ओर से संभावित टैरिफ का ऐलान है। खबरों के मुताबिक अमेरिका सेमीकंडक्टर और कुछ अहम सेक्टरों पर नए टैरिफ लगा सकता है, जिससे अमेरिका और चीन के बीच फिर से तनाव बढ़ सकता है। इसका असर वैश्विक बाजारों पर भी दिख सकता है और भारतीय बाजार इससे अछूता नहीं रहेगा।

भारतीय शेयर बाजार इस समय तेज़ी के मोड में है। लगातार चार दिनों की मजबूती ने निवेशकों में उत्साह भर दिया है। मजबूत रुपए, विदेशी निवेशकों की वापसी, वैश्विक बाजारों का सहयोग और भारत-अमेरिका डील की उम्मीद जैसे पॉजिटिव फैक्टर्स ने मिलकर बाजार को नई ऊंचाइयों की ओर पहुंचा दिया है।

हालांकि कुछ जोखिम भी हैं, जो बाजार की चाल को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए निवेशकों को सतर्क रहकर और लंबी अवधि की सोच के साथ निवेश करना चाहिए।

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