Basti Panchayat Chunav: बस्ती में ठेकेदार तय करेंगे कौन होगा प्रमुख?
सभी प्रत्याशियों ने झोंकी ताकत
संवाददाता-बस्ती. किसे जिताना है-किसे हराना है यह अब ठीकेदार लॉबी तय करने लगी है. खाटी राजनीति करने वालो इर्दगिर्द मडराने वाला यह समुदाय अब कई ब्लॉक्स में खुद ताल ठोक कर बरसो से राजनीति समाज सेवा कर रहे लोगो को खुली चुनौती दे रहा है वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर इनकी निगाहे हर बार जमी रहती है. चौदह ब्लॉक्स में अपने मन मुताबिक ब्लॉक प्रमुख बनाने के लिए ठेकेदार गोलबंद है. नाली पुलिया बनवाने वाले ठेकेदारों से लेकर लकड़ी, बालू, पीडब्ल्यूडी नहर तक का ठेका लेने वाले ठेकेदार अपनी ठेकदारी चमकाने के लिए कहीं प्रत्यक्ष तो कहीं अप्रत्यक्ष रूप से राजनीति में घुसपैठ बनाकर इसे अपने रिमोट से चलाने के लिए एक बार फिर जूझ रहे है.
बहादुरपुर, दुबौलिया कप्तानगंज के हालात भी कमोबेश यही है. कहीं जमीनों के खरीद फरोख्त करने वाले ठेकेदार है तो कहीं लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारी का काम करते है. जिन ब्लॉक्स में यह ठेकेदार खुद चुनाव नहीं लड रहे है. वहां इनका समूह दो खेमे में बंटा है तो कहीं सभी एकजुट होकर ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर अपने चहेते को बैठने के लिए सदस्यो की खरीद फरोख्त में लगे है. कई ब्लॉक्स में तो ठेकेदारों ने अपने खुद के खर्चे पर दो से तीन बीडीसी चुनाव में उतारे और जितवाने में भी सफल रहे. स्थिति यह है कि अब ब्लॉक प्रमुख पद के लिए ठेकेदार पांच साल के लिए ठेके की दुकान बेहतर चलाने के लिए जीतोड प्रयास में लगे है.
करोड़ों के खेल के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भी ठेकेदारों का अपना काकष है. पिछले जिलाधिकारी आषुतोष निरंजन द्वारा जिलापंचायत के 11 ठेकेदारों की फर्मों को ब्लैक लिस्टेड करने की बात कही गई थी. लेकिन उनके जाने के बाद यह बात आई गई हो गई. इससे अन्दाजा लगाया जा सकता है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में ठेकेदारों की क्या भूमिका रहेगी.जिला पंचायत अध्यक्ष पद और ठेकेदारों का बरसो से चोली दामन का साथ रहा है. पिछले कई कार्यकाल तो खाटी ठेकेदार से राजनीति में घुसपैठ बनाने वाले लोगो के हाथ में ही रही. यह कार्यकाल तो ठेकेदारों का स्वर्ण काल रहा. जब एक ही सड़क को जिला पंचायत , ब्लॉक्स और ग्राम सभाओ ने कागज में बनाकर अलग अलग बजट का धन का दोहन किया. जनपद में वर्तमान चुनावी हालात में देखे तो ठेकेदार अपनी ठेकेदारी को बेरोक टोक बदस्तूर चलाने के लिए ब्लॉक प्रमुख पद से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष पद तक के लिए जोड तोड में लगें है. कभी राजनीतिज्ञों के डयोढ़ी पर दस्तक देने वाले ठेकेदार अब खुद ही जिले की राजनीतिक कुर्सियों पर कौन होगा यह तय कर रहे है.