खुशी दूबे के लिए आम आदमी पार्टी ने मांगा न्याय

बस्ती. कानपुर के बहुचर्चित बिकरु कांड में खुशी दुबे, क्षमा दुबे, शांति दुबे, रेखा अग्निहोत्री, व उसके 2.5 साल के मासूम बेटे को विधि विरुद्ध तरीक़े से 10 महीनों से जेल में रखे जाने के विरोध और उन्हे रिहा किये जाने की मांग को लेकर राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन स्थानीय प्रशासन को सौंपा. जिलाध्यक्ष रामयज्ञ निषाद के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचे पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार के विरोध में नारेबाजी की.
बिकरु काण्ड में अमर दुबे के एनकाउंटर से तीन दिन पहले ख़ुशी दुबे से उसकी शादी हुई थी, पुलिस के रिकॉर्ड में ख़ुशी दुबे के विरुद्ध पहले से कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था. ख़ुशी दुबे नाबालिग है, उसकी गिरफ़्तारी के बाद जब मीडिया में मामले ने तूल पकड़ा तो कानपुर के तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार ने मीडिया में बयान दिया की ख़ुशी दुबे निर्दोष है और उसको रिहा कर दिया जाएगा.
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पिछले 10 महीने से ख़ुशी दुबे जेल में है. कई बार उसे अति गंभीर हालत में बाराबंकी व लखनऊ के अस्पतालों में भर्ती कराया गया. उसको खून की उल्टियां हुईं. इन घटनाओं से परिवार के लोग डरे और सहमे हुए हैं और उन्हें अपनी बेटी के जीवन की चिंता है कि कहीं जेल में उसके साथ कोई अनहोनी न हो जाए, उसका जीवन न चला जाए. इस मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि जब स्वयं तत्कालीन एसएसपी मान चुके हैं की खुशी दुबे निर्दोष है तो उसे किस आधार पर उसे जेल में रखककर 10 महीने से यातनाएं दी जा रही हैं.
इसी तरह अमर दुबे की मां क्षमा दुबे को भी पिछले 10 महीने से जेल में रखा गया है, पुलिस प्रशासन और सरकार यह बताने में नाकाम है कि अमर दुबे की मां क्षमा दुबे क्यों जेल में बंद है, उनका बिकरू काण्ड से क्या लेना देना ? मुख्य आरोपित विकास दुबे की नौकरानी रेखा अग्निहोत्री को 2.5 साल के बेटे के साथ, जेल में रखा गया है. रेखा अग्निहोत्री के विरुद्ध भी पुलिस कोई ठोस प्रमाण य साक्ष्य देने में नाकाम रही है. एक अन्य आरोपी हीरु दुबे की माँ शांति दुबे भी पिछले 10 महीनों से जेल में हैं. सभी को रिहा किये जाने की मांग की गयी. इस मौके पर चंदन तिवारी, पीसी पांडे, रामनाथ गौतम,.कई कार्यकर्ता मौजूद रहे.