टीईटी अनिवार्यता से नाराज़ शिक्षक पहुँचे पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी के घर, सौंपा पीएम को ज्ञापन
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By Vikas kumar
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उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह और जिला मंत्री बालकृष्ण ओझा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने शनिवार को पूर्व सांसद व असम भाजपा प्रभारी हरीश द्विवेदी को उनके तेलियाजोत आवास पर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। शिक्षकों ने आरटीई एक्ट लागू होने से पूर्व कार्यरत शिक्षकों को टीईटी अनिवार्यता से मुक्त किए जाने व सेवा सुरक्षा की मांग किया।
शिक्षकों की मांग पर पूर्व सांसद ने शिक्षकों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण कराने का आश्वासन दिया। पूर्व सांसद ने कहा कि शिक्षकों के मान सम्मान और सेवा सुरक्षा को लेकर वह हर तरीके से शिक्षकों के साथ खड़े हैं। इस आदेश से जितनी पीड़ा शिक्षकों को है उससे अधिक पीड़ा हमें स्वयं है। कहा कि बीच सेवा में नियमों में बदलाव करके परीक्षा पास करने का आदेश निश्चित रूप से उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक शिक्षा विभाग के अधिकारी, मुख्यमंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री, प्रधानमंत्री से इस मामले में बात करके समस्या का हल कराया जाएगा।
शिक्षकों की मांग पर उन्होंने शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल का मानव संसाधन विकास मंत्री से मुलाकात कराने का भी आश्वासन दिया। जिलाध्यक्ष चन्द्रिका ने कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए टीईटी अनिवार्यता नियम को सुप्रीम कोर्ट ने लागू किया है और इस कानून को भी सरकार ही समाप्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से शिक्षक बड़ी मानसिक पीड़ा से गुजर रहा है। नियमों में बदलाव से ही शिक्षकों को राहत मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि हम सभी को पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी से बड़ी आशा है कि वह इस मामले में हम सभी का पुरजोर तरीके से पैरवी करते हुए इस समस्या से मुक्ति दिलाएंगे। जिला मंत्री बालकृष्ण ओझा ने कहा कि जो समस्या वर्तमान में शिक्षकों के समक्ष है वह जीवन मरण का प्रश्न है। आरटीई एक्ट लागू होने से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्यता लागू होने से देश के लाखों शिक्षकों के समक्ष जीविका का संकट उत्पन्न हो गया। उन्होंने पूर्व सांसद से सर्वोच्च न्यायालय के 1 सितंबर 2025 के आदेश पर पुनर्विचार करने और शिक्षकों के हित में सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। जिला कोषाध्यक्ष दुर्गेश यादव व जिला उपाध्यक्ष रवीश मिश्र ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से सेवारत शिक्षकों में भय और निराशा व्याप्त है। कहा कि जो शिक्षक दो - तीन दशकों से सेवा दे रहे हैं, प्रशिक्षित और उच्च शिक्षित हैं और जिनके मार्गदर्शन में लाखों छात्र सफलतापूर्वक शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें पात्रता परीक्षा पास करने के लिए बाध्य करना अनुचित और अन्यायपूर्ण है।
ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से विजय राव, संतोष पाण्डेय, अश्विनी सिंह, रंजन सिंह, घनश्याम पाण्डेय, दिनेश सिंह, अखिलेश पाण्डेय, मुरलीधर, जनार्दन पाण्डेय, केशधर, नंदकुमार, प्रकाश गौतम, प्रताप नारायण, शिवनंदन मिश्रा, उमाशंकर पाण्डेय, बब्बन पाण्डेय, अविनाश दुबे, गिरजेश सिंह, सुरेश गौड़, उमाकांत शुक्ल, हृदय विकास, मोहम्मद असलम, कवींद्र, बृजेश त्रिपाठी, गिरजेश चौधरी, सनद पटेल, प्रवीन श्रीवास्तव, संजय यादव, राजेश गिरी, राम सागर वर्मा, राम पियारे कनौजिया, अमरचंद वर्मा, उमेश चंद्र राव, विजय वर्मा, मीरा चौधरी, हरि सिंह, चिन्मय कुमार राय, विवेक कांत पाण्डेय, राजकुमार तिवारी, सुरेंद्र वर्मा, हनुमंत कुमार पाण्डेय, जितेंद्र कुमार, पुरुषोत्तम, डॉ प्रमोद सिंह, अटल बिहारी उपाध्याय, बिंदेश्वरी प्रसाद मिश्र, मनोज उपाध्याय, प्रशांत बारगाह, दीनानाथ, उमाशंकर, पंकज सिंह, राजन सिंह, डॉ अनिल यादव, अमित सिंह, मनोज श्रीवास्तव ,अमित शुक्ला, शत्रुंजीत यादव, अवधेश गुप्ता, शिवेंद्र सिंह, प्रशांत, अवनीश, आलोक सिंह, मारूतनंदन, विवेक सिंह, शिव त्रिपाठी, पंकज वर्मा, शिवप्रकाश सिंह, रामरंग, शिवनाथ, संतराम,नीतू यादव, माहेलका बानो, शारदा शर्मा, मेनका यादव, फौजियासिद्दीकी, शशिकला वर्मा, श्वेता राव, वंदना तिवारी, शारदा शर्मा, डॉ चन्दना सिंह, सुनीता चौधरी, गरिमा यादव, खुश्बू वर्मा, बीपी आनंद, सुधीर तिवारी, हरेंद्र यादव, गौरव चौधरी, राकेश मिश्र, रजनीश यादव, वीरेंद्र उपाध्याय,
उमेश तिवारी, चंद्र भूषण द्विवेदी, शेषनाथ यादव, राम जियावन, सुरेश सिंह, चंद्र मोहन, संजय मिश्र, घनश्याम तिवारी, श्याम बिहारी, संतराम, बालमुकुंद, मंगला प्रसाद मौर्य, उपेन्द्र पाण्डेय, सुनील सिंह, समरजीत, फूलचंद चौधरी, विजय कुमार भारती, श्रवण कुमार, जितेंद्र कुमार, विनोद कुमार, शिवेंद्र सिंह, प्रशांत श्रीवास्तव, दौलतराम, दुर्गा प्रसाद, दुर्गेंद्र सिंह, जियालाल, शिवनाथ, शेषदत्त, प्रवीण कुमार यादव, परमानंद, सुमित्रानंदन, अर्जुन, हरिशंकर वर्मा, पुष्पेंद्र कुमार,राम गोपाल मौर्य,राजेश कुमार, उमेश यादव, विवेक सिंह, भीष्म शंकर मिश्र, प्रेम शंकर यादव, आलोक सिंह, अमरेंद्र यादव, शिवराम यादव आदि शामिल रहे।
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