Ram Prasad Chaudhary: 5 बार विधायक, 1 बार के सांसद, जानें- कैसा रहा है राम प्रसाद चौधरी का राजनीतिक सफर
UP Lok Sabha Chunav 2024: राम प्रसाद चौधरी बसपा सरकार में रहे हैं मंत्री
15 नवंबर 1954 को जन्में राम प्रसाद चौधरी 9वीं लोकसभा के सांसद और यूपी की 12वीं, 13वीं, 14वीं, 15वीं एवं 16वीं विधान सभा के सदस्य हैं. वह अब तक बस्ती के कप्तानगंज निर्वाचन क्षेत्र के विधायक थे. इससे पहले उन्होंने मायावती कैबिनेट (1997) में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कल्याण सिंह सरकार (1997) में कपड़ा और रेशम उद्योग मंत्री और मायावती कैबिनेट (2007-2012) में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री के रूप में भी यूपी को अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
पिता मानिक राम चौधरी के घर में जन्में राम प्रसाद चौधरी ने साल 1978 में गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज, बस्ती से सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया. राम प्रसाद चौधरी का विवाह कपूरा देवी से हुआ, जिनसे उनका एक बेटा और दो बेटियां हैं. इतना ही नहीं उनके भतीजे अरविंद कुमार चौधरी भी 2009 से 2014 तक बहुजन समाज पार्टी के सदस्य के रूप में बस्ती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रहे हैं.
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यह भी पढ़ें: बस्ती: रात में घर में घुसा युवक, विवाहित महिला से जबरदस्ती की कोशिश, पुलिस पर लापरवाही का आरोपराम प्रसाद चौधरी ने 9वीं लोकसभा में संत कबीर नगर जिले के खलीलाबाद से जनता पार्टी के सदस्य के रूप में संसद सदस्य के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत की. साल 1993 के बाद वह 2017 तक बस्ती जिले के कप्तानगंज विधानसभा क्षेत्र से लगातार पांच बार विधायक रहे.
यह भी पढ़ें: बस्ती: दलित परिवार का घर जला, थाने में न्याय मांगने गया तो मिली धमकी — एसपी से लगाई गुहारउत्तर प्रदेश की सत्रहवीं विधान सभा यानी साल 2017 के यूपी चुनाव में, वह भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चंद्र प्रकाश शुक्ला से 6,827 मतों के अंतर से हार गए थे. इससे पहले वाल साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बसपा के उम्मीदवार थे. तब वह तीसरे नंबर पर आए थे.
साल 2019 के आम चुनाव में, वह बस्ती लोकसभा सीट से सपा और बसपा (महागठबंधन) के उम्मीदवार थे. लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी के हरीश द्विवेदी से 30,354 (2.88%) वोटों के अंतर से चुनाव हार गए.
नवंबर 2019 में, बसपा सुप्रीमो मायावती ने चौधरी और तीन पूर्व विधायकों को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया. इसके बाद, राम प्रसाद चौधरी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपस्थिति में अपने सहयोगियों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए.
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