बस्ती में अवैध बालू खनन का कारोबार जोरों पर, शिकायत करने पर थाने पहुंच जाता है 'माननीय आकाओं' का फोन
संवाददाता बस्ती. जिले में धड़ल्ले के साथ अवैध बालू खनन का कार्य चल रहा है. पट्टाशुदा भूमि से बालू खनन न कराकर आस पास के कृषि भूमि पर खनन कार्य में जेसीबी लगा दी गई है. लोडर से ट्रैक्टरो में बालू भरकर अन्यत्र भंडारण किये जा रहे हैं. जिन किसानों के खेत से अवैध रूप से बालू खनन कराया जा रहा है, विरोध करने पर उन्हें मारने पीटने, जान से मारने की धमकियां मिल रही है. अवैध रूप से बालू खनन कराने वाले कारोबारियों पर शिकायत बाद भी कार्यवाही नही हो रही है. खनन विभाग द्वारा कारवाई की जगह चुप्पी साध लेना बहुत कुछ बयां करता है.
बालू माफिया, नेताओं, पुलिस खनन विभाग का गठजोड़ कलवारी थाना क्षेत्र से लेकर सरयू किनारे के छावनी थाना क्षेत्र तक में फैला हुआ है. छावनी थाना क्षेत्र में खनन विभाग द्वारा लक्ष्मनपुर लालमन में कुछ लोगो ने बालू खनन का पट्टा कराया है, लेकिन पटटाशुदा भूमि पर बालू खनन न करके बालू माफिया बगल के राजस्व गांव गौरिया नैन में कृषि भूमि में जबरिया बालू खनन कर रहे है. अवैध रूप से बालू खनन के बाद ट्रालियो में भरकर बालू अलग स्थानों पर डम्प किया जा रहा है. गौरिया नैन निवासी राम हरख, सीता राम राजेष, राम सुभावन ,बब्लू का कहना है कि गांव में उनकी कृषि भूमि पर अवैध रूप से बालू खनन किया जा रहा है. छावनी थाना में शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि अवैध बालू खनन से मना करने पर दबंगों ने मारपीट किया और उनकी ट्राली भी खींच ले गये.
कहा कि अवैध बालू खनन का कार्य बंधा से दो सौ मीटर दूर करने और कृषि योग्य भूमि बर्बाद करने से रोकने पर दबंग मारपीट पर उतारू है. सरयू के तट पर बसे गांवो में अवैध बालू खनन का खेल खुले आम चल रहा है. लेकिन इसको लेकर प्रशासन, पुलिस, खनन विभाग ने आंख बंद कर लिया है. अवैध खनन कार्य कराने वालों को राजनैतिक संरक्षण होने की चर्चा है. कहा तो यहां तक जाता है कि जब कभी अवैध बालू खनन की शिकायत होती है तो राजनीतिक आकाओं के फोन पहुंच जाते है जिस कारण भी अवैध खनन करने वाले बेखौफ हैं. यदि अवैध बालू खनन कार्य पर रोक न लगा तो बरसात के मौसम में मूसलाधार बारिस सरयू से सटे गांवों में तबाही का कारण बनेगा.