Basti News: शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जयंती: रोडवेज तिराहे पर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि

ट्रस्ट के संरक्षक राजेश श्रीवास्तव व आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि भगत सिंह के साथ सुखदेव और राजगुरू को भी फांसी दी गई थी। भगत सिंह ने लगभग 100 साल पहले कहा था कि वह मुझे मार सकते हैं, लेकिन मेरे विचारों को नहीं। उनकी यह बात आज तक सही साबित होती है। भगत सिंह अब नहीं हैं, लेकिन उनके विचार कायम हैं और हमेशा रहेंगे।
संस्थापक अजय कुमार श्रीवास्तव एवं जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि भगत सिंह जेल में रहते हुए ‘मैं नास्तिक क्यों हूं’ जैसे विचारोत्तेजक लेख लिखें। भगत सिंह की क्रांति और बलिदान आज भी भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। सलाहकार समिति के सदस्य नवीन श्रीवास्तव व जिला महामंत्री विश्वास चित्रांश ने कहा कि भगत सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे कम उम्र के बलिदानियों में से एक थे । उनकी देशभक्ति अंग्रेजों के खिलाफ मजबूत हिंसक विस्फोट की तरह थी ।

शहीदे आजम भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वालों में मुख्य रूप से ट्रस्ट के वरिष्ठ पदाधिकारी दुर्गेन्द्र श्रीवास्तव, दुर्गेश श्रीवास्तव, मंडल संरक्षक डब्बू श्रीवास्तव , सलाहकार समिति के सदस्य संतोष श्रीवास्तव , वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण श्रीवास्तव , उपाध्यक्ष रणदीप माथुर , राजेश श्रीवास्तव , प्रिंस श्रीवास्तव , गौर ब्लाक अध्यक्ष अभिषेक श्रीवास्तव गुडलक आदि शामिल रहे।
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