Holi 2024: होली पर होगा चंद्रग्रहण का साया! एक सदी बाद फिर दोहराया इतिहास, जानें- क्यों है खास?
Chandragrahan On Holi 2024

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Holi Chandra Garahn 2024: होली 2024 कई मायनों में खास है. एक ओर जहां जश्न में लोग कोई कमी नहीं रहेगी तो वहीं दूसरी ओर 100 साल बाद एक अलग इतिहास रचा जा रहा है. दरअसल इस होली पर चंद्रग्रहण लगेगा. आईए सबसे पहले होली के मुहूर्त की बात करते हैं. होली का त्योहार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है.इस बार यह तिथि 25 मार्च 2024, दिन सोमवार को है.
24 मार्च 2024 की सुबह 09 बजकर 57 मिनट से फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि शुरू होगी. इसके अलावा 25 मार्च 2024 की दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी. दोपहर 12 बजकर 02 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त होगा.
Holika Dahan:
होलिका दहन मुहूर्त की बात करें तो 24 मार्च 2024 की रात 11 बजकर 15 मिनट से 25 मार्च की मध्यरात्रि 12 बजकर 23 मिनट तक दहन किया जा सकता है. होलिका दहन की अवधि 1 घंटे 7 मिनट होगी. इसके बाद 25 मार्च 2024, सोमवार को रंग वाली होली होगी.
होलिका दहन मुहूर्त की बात करें तो 24 मार्च 2024 की रात 11 बजकर 15 मिनट से 25 मार्च की मध्यरात्रि 12 बजकर 23 मिनट तक दहन किया जा सकता है. होलिका दहन की अवधि 1 घंटे 7 मिनट होगी. इसके बाद 25 मार्च 2024, सोमवार को रंग वाली होली होगी.
Chandragrahan Updates:
साल 2024 की होली पर सौ साल यानी एक सदी बाद चंद्र ग्रहण लग रहा है. चंद्र ग्रहण 25 मार्च की सुबह 10 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 03 बजकर 02 मिनट पर यह खत्म होगा. चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. ऐसे में सूतक काल भी नहीं होगा. इस बार पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी और 25 मार्च की दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगी.अगर चंद्र ग्रहण पड़ जाए तो इसके सूतक काल के कारण पूजा पाठ कार्यक्रमों पर असर पड़ता है और ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किए जाते हैं.
साल 2024 की होली पर सौ साल यानी एक सदी बाद चंद्र ग्रहण लग रहा है. चंद्र ग्रहण 25 मार्च की सुबह 10 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 03 बजकर 02 मिनट पर यह खत्म होगा. चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. ऐसे में सूतक काल भी नहीं होगा. इस बार पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी और 25 मार्च की दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगी.अगर चंद्र ग्रहण पड़ जाए तो इसके सूतक काल के कारण पूजा पाठ कार्यक्रमों पर असर पड़ता है और ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किए जाते हैं.
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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती
वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।
उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है