Bada Mangal 2024: साल का पहला बड़ा मंगल आज, जानें- आज कैसे करें पूजा अर्चना
Bada Mangal 2024 News
Bada Mangal 2024: ज्येष्ठ का महीना, जो वैशाख के बाद आता है और हिंदू नव वर्ष का तीसरा महीना है, बड़ा मंगल के उत्सव के साथ उत्सव की शुरुआत की शुरुआत करता है. जबकि मंगलवार पारंपरिक रूप से भगवान हनुमान को समर्पित है, ज्येष्ठ माह के दौरान, प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी की पूजा के दिन के रूप में विशेष महत्व रखता है.
बड़ा मंगल 2024 तिथि:
हर साल ज्येष्ठ माह के प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगल मनाया जाता है. इस वर्ष चार बड़े मंगल मनाये जायेंगे. बड़ा मंगल में हनुमान जी के बुजुर्ग स्वरूप की पूजा की जाती है. इस त्यौहार की शुरुआत लखनऊ, उत्तर प्रदेश, बड़ा मंगल से हुई जहां इसे बड़े उत्साह और भव्यता के साथ मनाया जाता है
बड़ा मंगल 2024 तिथि सूची:
पहला बड़ा मंगल - 28 मई 2024
दूसरा बड़ा मंगल - 4 जून 2024
तीसरा बड़ा मंगल - 11 जून 2024
चौथा बड़ा मंगल - 18 जून 2024
बड़ा मंगल क्यों मनाया जाता है:
पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रेतायुग में ज्येष्ठ माह के दौरान भगवान राम की मुलाकात शक्तिशाली बजरंगी हनुमान से हुई थी. इसलिए इस माह के मंगलवार को बड़ा मंगल के रूप में मनाया जाता है.
इस दिन हनुमान जी के भक्त अपनी बड़ी से बड़ी चुनौतियों से मुक्ति का अनुभव करते हैं. मंदिर भजनों का आयोजन करते हैं, और धार्मिक दावतें (भंडारे) आयोजित की जाती हैं.
बड़ा मंगल का इतिहास:
बड़ा मंगल मनाने की परंपरा नवाब सआदत अली (1798-1814) के शासनकाल से चली आ रही है. इसी दौरान नवाब के बेटे मोहम्मद अली शाह गंभीर रूप से बीमार पड़ गये और तमाम इलाज के बावजूद वह ठीक नहीं हुए. किसी ने उन्हें लखनऊ के अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर में हनुमान जी से अपने बेटे के ठीक होने के लिए आशीर्वाद मांगने की सलाह दी.
आशीर्वाद मांगने पर बेटा चमत्कारिक ढंग से ठीक हो गया. आभार स्वरूप नवाब की पत्नी ने मंदिर बनवाने का वादा किया. इसका निर्माण ज्येष्ठ माह में पूरा हुआ और तभी से बड़ा मंगल मनाया जाता है.
बड़े मंगल पर क्या करें:
हनुमान मंदिरों में जाएं, बजरंगी हनुमान को चोला चढ़ाएं और सुंदरकांड का पाठ करें. मान्यता है कि ऐसा करने से सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी और मनोकामनाएं पूरी होंगी.
बड़े मंगल पर हनुमान जी की पूजा करने के अलावा यात्रियों को जल और भोजन कराएं.
ये बड़ा मंगल उत्सव न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक महत्व भी रखते हैं, जो समुदायों को भक्ति और उत्सव में एकजुट करते हैं."