UP Nikay Chunav 2023: बस्ती में आरक्षण बदला तो कहीं दीप जले कहीं दिल, मायूस हैं ये लोग
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नये आरक्षण से निराश है तैयारी करने वाले -
नये सिरे से आरक्षण फार्मूला लागू

बस्ती नगर पालिका परिषद महिला, बनकटी अनुसूचित जाति महिला, गायघाट अनुसूचित जाति, नगर बाजार महिला, मुण्डेरवा पिछड़ा वर्ग, कप्तानगंज अनारक्षित, हर्रैया अनारक्षित, रूधौली पिछड़ा वर्ग, गनेशपुर पिछड़ा वर्ग महिला, बभनान नगर पंचायत अनारक्षित सीट होने से चुनाव रोचक हो चला है.
आरक्षण प्रक्रिया के लागू होते ही पुराने आरक्षण फार्मूले को ध्यान में रखकर तैयारी करने वालों के चेहरों पर मायूसी देखी गई. नये सिरे से गुणाभाग कर कुछ लोग दूसरे जगहों पर जाकर या अपने लोगों को चुनावी समर में उतारने की जुगत में लग गये है.
सबसे ज्यादा परेशान वो हैं जिन्होंने चुनाव लड़ने के लिए जनता पर पानी की तरह पैसा बहाया. अब तक करोड़ों रूपे स्वाहा कर देने वाले नये आरक्षण फार्मूले के लागू होने से अवाक है. एक दावेदार ने यहां तक कह दिया की हमारे मनमाफिक सीट नहीं हुई है. अब तक तैयारियों में बहुत पैसा खर्च हो चुका है. अब वापस घर बैठना मुनासिब नहीं लग रहा है. ऐसे में अपने ही किसी विश्वसनीय आदमी को मैदान में उतार कर चुनाव लड़ूंगा.
चुनाव में दावेदारों से ज्यादा उनकी जयजयकार करने वाले परेशान दिख रहे है. अब उनके खर्चापानी का इंतजाम कैसे होगा इसी उधेड़बुन में लगे हुए है. दावेदारों को मनाकर किसी तरह मैदान में बने रहने के लिए चुनावी गणित लगा रहे है. मजे की बात नये परिसीमन में नगर पालिकाओं और पुराने नगर पंचायतों में कोई परिवर्तन नहीं देखने को मिला. जिससे सरकार के नजरिए पर कुछ लोग सवाल उठा रहे है. देखना दिलचस्प होगा की ताल ठोंकने वाले अपने लिये टिकट का जुगाड़ किस तरह से करते है.
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अनूप मिश्रा, भारतीय बस्ती के पत्रकार है. बस्ती निवासी अनूप पत्रकारिता में परास्नातक हैं और अपनी शुरुआती शिक्षा दीक्षा गवर्नमेंट इंटर कॉलेज से पूरी की है.