
देश में महंगाई की मार से हर नागरिक परेशान : कांग्रेस
नई दिल्ली (आरएनएस) . कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने देश में बढ़ती हुई महंगाई को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि देश में महंगाई की मार से हर नागरिक परेशान हैं. शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहती है कि हाउस के अंदर पार्लियामेंट में इस पर बहुत होगी जो हालात आज देशवासियों की है महंगाई को लेकर उसकी चर्चा हो. शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खरग और लाइक माइंडेड पार्टी के नेताओं ने 267 के तहत नोटिस दिया था,क्योंकि पार्लियामेंट बहस करने का प्लेटफार्म है, आवाम के महत्व के मुद्दों की चर्चा होनी चाहिए. हम चाहते थे कि आइए हमारी बात सुनिए और सरकार ये क्यों कर रही है, इसका जवाब दें लेकिन हमारी बात नहीं मानी गई .
शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि आज फिर से 267 का नोटिस था, हाउस के बाहर भी लोगों की आवाज उठाने के लिए, गांधी स्टैचू के सामने धरना देने और प्रदर्शन करने के लिए सभी लाइक माइंडेड पार्टी के नेता वहाँ इक_े हुए. राहुल गांधी जी भी उधर आए और हमने, पार्टी के नेताओं ने भी वहाँ आकर गांधी जी की प्रतिमा के सामने देश की जो मुश्किल है, महंगाई से लोग जो परेशान हैं, उसके लिए स्लोगन शाउटिंग और धरना दिया.
हम मानते थे कि कम से कम आज हाउस के अंदर जब हम जाएंगे, तो यहाँ चर्चा का मौका दिया जाएगा. आप सभी ने देखा, इस देश ने देखा है कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार थी और सरकारें जब-जब भी रही अपोजिशन मांग करती थी, कभी-कभी इतना महत्वपूर्ण इशू नहीं भी होता था, फिर भी कांग्रेस पार्टी ने बाकी कामों को रोक कर उन मुद्दों पर चर्चा ली. आज जब हम ये मांग कर रहे हैं, हमें चर्चा नहीं दी जाती है और सिर्फ सरकार का मनमानी वाला काम हो, तो ऐसे तो पार्लियामेंट नहीं चलती है. पास्ट में बार-बार जब ये अपोजिशन में थे, तब कहते थे कि पार्लियामेंट नहीं चलने देना भी एक पार्लियामेंट्री टैक्टिक है और अपोजिशन का ये सबसे बड़ा हथियार है और इस हथियार को अपोजिशन को बार-बार यूज करना चाहिए, वो भाजपा के नेता ही कहते थे. हमने जिन मुद्दों को लेकर, खासकर जीएसटी जो बढ़ाया गया, उसमें आम नागरिक के जीवन की रक्षा के लिए या जीवन निर्वहन की चीजें हैं, जिसमें गेहूं है, जिसमें सोलर से वाटर हीटर है, जिसमें छाछ है. एक आम आदमी छाछ पीता है, दही लेता है, पनीर खाता है, इन सब पर जीएसटी बढ़ा दिया और उन सारी चीजों में चावल से लेकर, इन्होंने तो ये भी नहीं छोड़ा कि जब इंसान, हर इंसान का एक दिन अंतिम दिन आता है और श्मशान में जाना होता है, उस श्मशान के दाम भी जीएसटी के 18 प्रतिशत इस सरकार ने किए हैं.
मैं आपको कहना चाहता हूं कि दही, लस्सी, बटर मिल्क, पनीर, इसके ऊपर जीरो प्रतिशत जीएसटी थी. आज उसको बढ़ाकर, इन्होंने 18 प्रतिशत तक जीएसटी को ले जाने का काम किया है.
गुड़, अगर गरीब परिवार और कुछ नहीं कर सकता है तो रोटी और गुड़ मिलाकर बच्चे को देते हैं. उसके ऊपर भी जीएसटी बढ़ा दिया. तो ये देश को लूट कर देश की जनता को अपने चहेते लोगों को मालामाल करना चाहते हैं. कोई मिडिल क्लास परिवार या आम नागरिक खाने में चमचे इस्तेमाल करते हैं, भाजपा के चमचों को तो ये मालामाल करते हैं और आम आदमी अगर चमचा भी यूज करते हैं, तो उसके ऊपर भी जीएसटी बढ़ा दिया.
पहले पेट्रोल, डीजल और गैस के दाम आसमान छू रहे थे. महंगाई का रेट 7 प्रतिशत से ऊपर रहा है. देशवासी मानते थे कि सरकार से कुछ रिलीफ मिलेगा, कुछ राहत मिलेगी, कुछ फायदा मिलेगा, पर उसकी जगह पर जीएसटी की मार मारी है और इसकी चर्चा भी पार्लियामेंट में ये नहीं करने देते हैं. इसलिए हमने ये मांग की है कि पहले आवाम का इशू है, महंगाई की मार है, इसकी चर्चा करें.शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि सभी लाइक माइंडेड पार्टियाँ चाहती हैं कि जो महत्व का मुद्दा है, महंगाई की मार वाला, उस पर चर्चा होनी चाहिए और ये हम चाहते हैं और इसीलिए ये सरकार की जिम्मेदारी है. बार-बार जब बीजेपी पावर में नहीं थी, तब कहती थी, कि हाउस चलाना इस सरकार की जिम्मेदारी है, अपोजीशन की नहीं और उस वक्त की सरकार अपोजीशन की मांग मान लेती थी और हाउस चलता था. मैं उम्मीद करता हूँ कि हमारी उन परंपराओं को कायम रखा जाए. हमारी मांग को स्वीकार करें.
प्रधानमंत्री जी, दुनियाभर में बहुत घूमते रहते हैं, तो आएं हाउस में, बैठें पार्लियामेंट में, हमारी बातों को, हमारी जनता के मुद्दों को सुनें और उनकी क्या वजह है कि लोगों को राहत देने के बजाय जीएसटी की एक और मार मारी है, इसका खुलासा करें. अग्निपथ योजना को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में होने वाली सुनवाई को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में गोहिल ने कहा कि मैं कुछ सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी करना नहीं चाहता हूँ, पर ये जरुर कहता हूँ कि बहुत-बहुत ही खिलवाड़ राष्ट्र की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य के साथ अग्निपथ के नाम पर हो रहा है. देश में आप 3.5 साल की ठेके की नौकरी और 6 महीने की ट्रेनिंग, उसके बाद कोई पेंशन नहीं, हैल्थ की कोई सुविधा नहीं, न रैंक बढ़ेगी, न कोई फायदा मिलेगा. ये युवाओं का शोषण है और 75 प्रतिशत वहां से ठेके की नौकरी करने के बाद हर चार साल में बाहर निकल जाएंगे. तो ये इस देश की आर्मी के लिए आपके स्ट्रेटिजिक प्वाइंट्स हैं. आपकी स्ट्रैंथ और आपकी वीकनेस आप बहुत सारे लोगों के सामने क्यों एक्सपोज कर रहे हो? जिसको आप परमानेंट नौकरी नहीं दोगे, वो फ्रस्ट्रेट होकर निकलेगा. अगर परमानेंट नौकरी होगी, तो देश के लिए जान देने के लिए भी, जान कुर्बान करने के लिए तैयार रहेगा. तो राष्ट्र की सुरक्षा के साथ और युवाओं के भविष्य के साथ ये खिलवाड़ है.
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