रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया स्पष्ट, अग्निपथ योजना के भर्ती प्रक्रिया में नहीं हुआ कोई बदलाव
नई दिल्ली ,(आरएनएस). अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती प्रक्रिया पर उठे राजनीतिक विवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यह साफ कर दिया है कि सैन्य भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है. संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं, यह पूरी तरह से अफवाह है. जो पहले व्यवस्था थी, आजादी के पहले की, वही व्यवस्था अब तक चली आ रही है. कहीं पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि जो पुरानी व्यवस्था रही है वही व्यवस्था अब तक चली आ रही है. दरअसल, अग्निपथ योजना के तहत होने वाली भर्ती प्रक्रिया में जाति एवं धर्म प्रमाणपत्र मांगे जाने को लेकर देश में सियासत शुरू हो गई है. विपक्षी दल इसे लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन्ही विवादों पर प्रतिक्रिया देते हुए यह साफ किया कि भर्ती प्रक्रिया में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है.
सेना की नई भर्ती प्रक्रिया में जाति और धर्म का कोई भूमिका नहीं : संबित पात्रा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि भारतीय सेना की नई भर्ती प्रक्रिया में जाति एवं धर्म की कोई भूमिका नहीं है. पात्रा ने कहा कि भारतीय सेना में भर्ती प्रक्रिया के फॉर्म में अभ्यर्थियों के जाति एवं धर्म की जानकारी लेना सेन के लिए एक प्रशासनिक अर्थात एडमिनिस्ट्रेटिव और परिचालन अर्थात ऑपरेटीव जरूरत होती है. संबित पात्रा ने कहा कि 2013 मे सुप्रीम कोर्ट मे दायर एक याचिका के मामले में भारतीय सेना ने एक शपथ पत्र दायर कर स्पष्ट कहा था कि हमारे रिक्रूटमेंट प्रोसेस में धर्म का कोई आधार नहीं हैं. दुर्भाग्यवश, कर्मक्षेत्र या युद्ध के दौरान कोई जवान बलिदान को प्राप्त होता है, तो उसकी अंत्येष्टि किस तरह से की जाएगी, इसके लिए उस जवान के धर्म की जानकारी रखना आवश्यक होता है. इसलिए भर्ती हेतु फार्म में धर्म का कॉलम होता है. संबित पात्रा ने कहा किउस वक्त 2013 में यूपीए कांग्रेस की सरकार की थी. सुप्रीम कोर्ट में दायर शपथ पत्र के बारे में क्या कांग्रेस और आम आदमी पार्टी नहीं जानती है? इसके बावजूद इंडियन आर्मी को राजनीतिक के अखाड़े में घसीटना चाहते है. ये लोग इतने निचले स्तर की राजनीति करने लगे हैं और देश के आर्मी को बदनाम करने का काम कर रहे हैं. संबित पात्रा ने कहा कि धर्म का कॉलम क्यो मांगा जाता है और
इंडियन आर्मी में रिक्रूटमेंट की एक प्रक्रिया है जो आजादी से पहले की बनी हुई है. यह पूरी प्रक्रिया स्पेशल आर्मी आर्डर के तहत रिक्रूटमेंट प्रोसिजर बनाया गया था, जो आजादी के बाद उसमें थोड़ा बहुत बदलाव किया गया. वही भर्ती प्रक्रिया अभी भी चल रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के दौरान उस भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है.
फिर भी जानबूझकर आमा आदमी पार्टी और कुछ राजनेताओं ने इसे मुद्दा बनाकर सड़क पर आगजनी करवाने की कोशिश कर रहे हैं. युवाओं के बीच में अफवाह और भ्रम की स्थिति फैलाने की कोशिश हो रही है कि इंडियन आर्मी उन्हें रिक्रूट नहीं करना चाहती है. समाज में भेदभाव की नीति अपना कर सड़कों पर आगजनी कराने की पूरी कोशिश हो रही है. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस पार्टी और कुछ नेता यह सब करके अपना-अपना राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं.संबित पात्रा ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल उन्हीं लोगों में से हैं, जो सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाए थे. ये लोग भारतीय सेना पर संदेह उत्पन्न कराने और देश के लोगों को भारतीय सेना के विरूद्धं खड़ा कराने की कोशिश करते हैं. कुछ लोग अपनी स्वार्थ के लिए ये सब काम कर रहे हैं, लेकिन देश के लोगों को भारतीय सेना पर पूर्ण विश्वास है.