बॉडी बनाने के लिए अधिक प्रोटीन का सेवन कर देगा आपका शरीर खराब

प्रोटीन लेने से पहले निम्न बातों का ध्यान रखों :-
प्रोटीनयुक्त ज्यादा डाइट लें तो इस बात का ध्यान रखें कि उसमें रेशेदार सामग्री व सब्जियाँ ज्यादा से ज्यादा हों।
प्रोटीन की हाई डाइट से पहले आप यह जान लें कि आपका गुर्दा उसे हजम करने की शक्ति रखता है या नहीं। इसके लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
आपके प्रोटीनयुक्त आहार में ज्यादा चिकनाई न हो, इसका भी ध्यान रखें।

शोध के अनुसार लो-कोलेस्ट्रॉल डाइट लेने वालों को अंडों के सेवन से बचना चाहिए।
हड्डियों की समस्या जैसे रूमेटाइड आर्थराइटिस की स्थिति से जूझ रहे लोगों को भी उच्च प्रोटीन डाइट से बचना चाहिए।
अत्यधिक प्रोटीन का सेवन
कुछ शोध मानते हैं कि यदि कोई बहुत ज्यादा प्रोटीन लेता है, तो उसमें अनावश्यक कैलरी जाती हैं, जिस वजह से उसका वजन भी बढ़ता है। मांसाहार से लिये गये प्रोटीन में सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है। इसे अधिक मात्रा में लेने से हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है। शाकाहार से लिए गये अधिक प्रोटीन से भी गुर्दे व मधुमेह के रोगियों को नुकसान हो सकता है।
अत्यधिक प्रोटीन का सेवन करने से नुकसान:-
किडनी को नुकसान -हमारी किडनी रक्त में प्रोटीन को भी शुद्ध करने का काम करती है7अधिक प्रोटीन डायट लेने से किडनी पर दबाव अधिक पड़ जाता है7 जब आप ज्यादा मात्रा में प्रोटीन लेते हो तो आपके शरीर में नाइट्रोजन भी उपफल (बायो प्रोडक्ट्स ) के रूप में चला जाता है जिसे आपकी किडनी को आपके खून में से फि़ल्टर करना पड़ता है। अगर आप प्रोटीन को सामान्य मात्रा में लेते हो तो नाइट्रोजन मूत्र विसर्जन से शरीर से बाहर निकल जाती है लेकिन जब अधिक मात्रा में प्रोटीन लेते हो तो किडनी को शरीर से एक्स्ट्रा नाइट्रोजन को बाहर निकालने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है जो की किडनी पर अतिरिकित बोझ डालती है। जिससे कई बार किडनी खराब होने का भी खतरा होता है।
हड्डियों की समस्या-प्रोटीन के सेवन और हड्डियों के स्वास्थ्य में सीधा संबंध है। आयु को ध्यान न रख लंबे समय तक हाई प्रोटीन डाइट लेना हड्डियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। रूमेटाइड ऑर्थराइटिस से जूझ रहे लोगों को भी उच्च प्रोटीन डाइट से परहेज रखने की सलाह दी जाती है।
यूरिया एसिड बढ़ जाना-एक आयु के बाद उच्च प्रोटीन डायट लेने वालों में यूरिया एसिड बढ़ जाता है। पेशाब में कैल्शियम की मात्रा कम निकलती है। कैल्शियम की यह अतिरिक्त मात्रा किडनी में लंबे समय तक जमने से पथरी का रूप ले सकती है और हृदय पर भी अधिक ज़ोर पड़ता है।
कोलेस्ट्रॉल बढऩा-जो लोग लंबे समय तक उच्च प्रोटीन डायट के लिए मांसाहारी भोजन का सेवन करते हैं, उनमें कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हृदय रोगों और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है।
सांसों से बदबू आना-अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन (कुल कैलोरी में 30 प्रतिशत से अधिक प्रोटीन डाइट का भाग) शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इससे शरीर में कीटोंस की मात्रा बढ़ जाती है, जो कि विषैला पदार्थ है। कीटोंस को शरीर से बाहर निकालने के लिए शरीर को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। इस पूरी प्रक्रिया में शरीर से ज्यादा मात्रा में पानी बाहर निकल जाता है, जिससे डीहाइड्रेशन भी हो सकता है। अधिक व्यायाम करने वालों में ऐसा अधिक होता है। ऐसी डाइट को कीटोजेनिक डाइट भी कहते हैं। जिससे कमजोरी महसूस होना, चक्कर आना, सांसों से बदबू आना या दूसरी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं।
इसके अलावा भोजन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने से कार्बोहाइट्रेड का सेवन कम हो जाता है, जिससे शरीर को फाइबर कम मिलता है, अन्य पोषक तत्व कम हो जाते हैं। कब्ज की समस्या भी बढ़ जाती है। उच्च प्रोटीन डाइट से सूजन भी आ सकती है।
कितना प्रोटीन चाहिए आपको
छोटे बच्चे: 10 ग्राम प्रतिदिन
स्कूल जाने वाले बच्चे : 19-34 ग्राम
प्रतिदिन किशोर लड़के: 50 ग्राम
प्रतिदिन किशोर लड़कियां: 46 ग्राम प्रतिदिन
युवा पुरुष: 52 ग्राम प्रतिदिन
युवा महिलाएं: 46 ग्राम प्रतिदिन
हालांकि यह चार्ट केवल एक मोटा- मोटा अनुमान है। किसी भी पोषक तत्व की जरूरत केवल आपके आयुवर्ग पर ही नहीं, बल्कि आपके भार, शारीरिक गठन, शारीरिक सक्रियता का स्तर व स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है।
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