यूपी में इन किसानों के लिए चेतावनी! रोक दी जाएगी सम्मान निधि और अनुदान

यूपी में इन किसानों के लिए चेतावनी! रोक दी जाएगी सम्मान निधि और अनुदान
यूपी में इन किसानों के लिए चेतावनी! रोक दी जाएगी सम्मान निधि और अनुदान

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित सीतापुर में पराली जलाने के मामलों को रोकने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. अब खेतों में आग लगाने वालों पर तुरंत कार्रवाई होगी. कृषि और राजस्व विभाग को सख्त निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है. यदि कोई किसान पराली जलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जुर्माना भरना पड़ेगा. साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, खाद-बीज और सरकारी अनुदान जैसी सभी सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी.

गांव-गांव चल रहा है अभियान

प्रशासन ने इस बार पराली जलाने पर लगाम कसने के लिए गांवों में विशेष अभियान शुरू किया है. सभी ब्लॉकों में कृषि विभाग के कर्मचारी अलर्ट पर हैं. जिलाधिकारी ने खुद अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वे लगातार गांवों का चक्कर लगाते रहे और किसानों को पराली न जलाने के लिए समझाएं.

मुनादी और जागरूकता से किसान हो रहे सचेत

गांवों में लाउडस्पीकर और ई-रिक्शे के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. मुनादी कराते हुए किसानों को शपथ दिलाई जा रही है कि वे खेतों में आग नहीं लगाएंगे और अवशेषों को खाद के रूप में उपयोग करेंगे. लेखपाल और कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों से सीधे संवाद कर रहे हैं और उन्हें समझा रहे हैं कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता घटती है और पर्यावरण को नुकसान होता है.

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जिलाधिकारी ने दिए सख्त निर्देश

कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी अभिषेक आनंद की अध्यक्षता में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर बैठक हुई. उन्होंने स्पष्ट कहा कि पराली जलाने पर पूर्ण नियंत्रण हर हाल में सुनिश्चित किया जाए. किसी भी किसान के खेत में आग लगने की सूचना मिलते ही तत्काल कार्रवाई की जाए. 

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इस बैठक में एडीएम नीतीश कुमार सिंह, उप कृषि निदेशक डॉ. एस.के. सिंह, कृषि अधिकारी संजीव कुमार और सहायक निबंधक सहकारिता एन.सी. शुक्ला समेत कई अधिकारी मौजूद रहे. प्रशासन का मानना है कि सख्त कार्रवाई और निरंतर निगरानी से ही किसान पराली जलाने से बचेंगे. साथ ही जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें पर्यावरण संरक्षण और मिट्टी की सेहत के महत्व को समझाया जा रहा है.

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पराली से बनेगी खाद, बढ़ेगा उत्पादन

कृषि उप निदेशक डॉ. एस.के. सिंह ने इस विषय पर जानकारी देते हुए किसानों से अपील की है कि वे पराली जलाने से बचें और उसे खाद बनाने में प्रयोग करें. इससे मिट्टी की गुणवत्ता सुधरेगी और फसल उत्पादन में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि नियम तोड़ने वालों पर कठोर जुर्माना लगाया जाएगा और उन्हें किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा.

पिछले साल भी हुई थी कार्रवाई

बीते वर्ष जिले में 37 किसानों को पराली जलाते हुए पकड़ा गया था. इनमें से 20 किसानों से लगभग 52,500 रुपये का जुर्माना वसूला गया था और शेष 17 किसानों का जुर्माना सरकार ने बाद में माफ किया था. प्रशासन का कहना है कि इस बार किसी के साथ ढिलाई नहीं बरती जाएगी.

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।