UP Weather Update: यूपी के इन जिलों में गिरेगा पारा, जाने अपने जिले का हाल
अक्टूबर और नवंबर के महीने में ठंड का एहसास अक्सर होता है, परंतु नवंबर का दूसरा सप्ताह समाप्त होने को है और दिन के समय ठंड का अनुभव अभी भी कम है। सुबह और शाम के समय हल्की ठंड तो महसूस होती है, लेकिन दिन के दौरान गर्मी का असर बना हुआ है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इसका प्रमुख कारण प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ का न होना है, साथ ही पहाड़ों पर बर्फबारी की कमी भी इस स्थिति को जन्म दे रही है।
प्रदेश के पूर्वी और तराई क्षेत्रों में गर्मी का अनुभव अभी भी जारी है, जिससे लोग सर्दियों के आगमन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस मौसम के बदलाव ने लोगों की दिनचर्या को प्रभावित किया है, और वे ठंड के आने की उम्मीद कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता है और पहाड़ों पर बर्फबारी होती है, तो ठंड का मौसम जल्द ही दस्तक दे सकता है।अतुल कुमार सिंह जो कि आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक हैं उन्होंने बताया है कि अगले कुछ दिनों में पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे कमी आएगी। इस दौरान नवंबर में हल्की ठंड का एहसास होने लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकतम तापमान में हाल के दिनों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा गया है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, लोग सर्दियों की तैयारी में जुट जाएंगे। इस समय, सुबह और शाम की ठंड लोगों को सर्दियों की याद दिला रही है, लेकिन दिन के समय गर्मी का असर अभी भी बना हुआ है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मौसम में और बदलाव होते हैं, तो सर्दियों की ठंडी लहर जल्द ही प्रदेश में दस्तक दे सकती है। इस बीच, लोग ठंड के मौसम का स्वागत करने के लिए तैयार हैं, और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही सर्दी की ठंडी हवाएं वातावरण में छा जाएंगी।
बीते सोमवार को उत्तर प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में सुबह के समय घने कोहरे की एक परत देखी गई। विशेष रूप से तराई क्षेत्र जैसे सिद्धार्थनगर, बहराइच, महराजगंज और गोरखपुर में सुबह के साथ-साथ दोपहर में भी धुंध का प्रभाव बना रहा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, कोहरे और धुंध का मुख्य कारण वातावरण में प्रभावी हवाओं की कमी और वायुमंडलीय स्थिरता है। इस स्थिति के चलते लोगों को यात्रा में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, और दृश्यता में भी कमी आई। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी इसी प्रकार के मौसम की संभावना जताई है, जिससे नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
नवंबर के महीने में अक्सर उत्तर-पश्चिमी हवाओं की वजह से ठंड का मौसम प्रारंभ होता है। लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश में स्थिति कुछ अलग है। वर्तमान में प्रदेश में कोई भी पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव नहीं है और पर्वतीय क्षेत्रों में भी बर्फबारी का कोई समाचार नहीं है। इस महीने अब तक जलवायु के दृष्टिकोण से तापमान में गिरावट का कोई विशेष कारण नहीं दिखाई दे रहा है, जिसके चलते ठंड का अनुभव कम हो रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मौसम में बदलाव के लिए कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं, जिसमें वायुमंडलीय दबाव और हवा की दिशा शामिल हैं। लोगों को सलाह दी गई है कि वे मौसम की जानकारी पर ध्यान दें और आवश्यकतानुसार तैयार रहें। इस स्थिति के चलते, नवंबर का महीना इस बार अपेक्षाकृत गर्म रहने की संभावना है, जो कि आमतौर पर ठंड के लिए जाना जाता है।
रविवार को झांसी में तापमान ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया, जहां अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे यह क्षेत्र सबसे गर्म स्थान बन गया। वहीं, प्रयागराज में अधिकतम तापमान 33.3 डिग्री सेल्सियस और उरई में 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
न्यूनतम तापमान की स्थिति पर नजर डालें तो चुर्क में 16.2 डिग्री सेल्सियस, मेरठ और नजीबाबाद में 17 डिग्री सेल्सियस, जबकि कानपुर और अयोध्या में 17.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। इस प्रकार, मौसम की यह स्थिति विभिन्न स्थानों पर तापमान में भिन्नता को दर्शाती है, जो कि स्थानीय जलवायु के प्रभाव को स्पष्ट करती है।