बाराबंकी से इस रूट का हाईवे होगा डिजिटल
.png)
बाराबंकी-बहराइच हाईवे को डिजिटल हाईवे में बदलने की मंजूरी मिल चुकी है, अभी यह दो लेन का है, जिसे चार लेन में विस्तारित किया जाएगा। भूमि पैमाइश और सर्वेक्षण का काम जारी है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। डिजिटल हाईवे बनने से यात्रा का समय कम होगा और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, यह हाईवे तेज रफ्तार वाहनों के अनुकूल डिजाइन किया जाएगा। जिससे परिवहन और डिलीवरी पहले से अधिक कुशल होगी।
स्मार्ट सड़क सुरक्षा और दुर्घटना नियंत्रण
डिजिटल हाईवे के निर्माण के दौरान एक किनारे पर तीन मीटर चौड़ी ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जाएगी, जिससे भविष्य में इंटरनेट और टेलीकॉम कंपनियों को सड़क खोदने की जरूरत नहीं पड़ेगी, कंपनियां वेब पोर्टल के जरिए हाईवे की जगह को किराए पर ले सकेंगी। रात के समय यह हाईवे उन्नत लाइटिंग सिस्टम से लैस होगा, जिससे वाहन चालकों को बेहतर दृश्यता मिलेगी, इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और यात्रा अधिक सुरक्षित बनेगी। डिजिटल हाईवे को इलेक्ट्रॉनिक और आधुनिक सड़क सुरक्षा उपायों से लैस किया जाएगा, इसमें एनपीआर ;नंबर प्लेट रीडर कैमरे, 24 घंटे नेटवर्क सुविधा और ट्रैफिक अलर्ट सिस्टम होंगेए जिससे हादसों को रोका जा सकेगा। यह हाईवे एनएच-927 कॉरिडोर का हिस्सा होगा और इसका कनेक्शन लखनऊ, श्रावस्ती एयरपोर्ट, नेशनल हाईवे-27 और भारत-नेपाल सीमा से होगा, इससे व्यापार और यात्रा दोनों में सुधार होगा। पहला डिजिटल हाईवे बाराबंकी और बहराइच के बीच बनाया जा रहा है. 101 किलोमीटर लंबे इस हाईवे को 4 लेन में विकसित करने के साथ स्मार्ट रोड नेटवर्क से लैस किया जा रहा है ताकि यात्रा के दौरान बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधाएं मिल सकें। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस परियोजना के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया है. रिपोर्ट आने के बाद अनुमानित बजट तैयार किया जाएगा और मार्च 2025 से निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है। सरकार की योजना देशभर में 10,000 किमी डिजिटल हाईवे विकसित करने की है. इसकी शुरुआत दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और हैदराबाद-बेंगलुरु कॉरिडोर से हो चुकी है. उत्तर प्रदेश में बाराबंकी-बहराइच हाईवे को केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। बाराबंकी-बहराइच हाईवे को डिजिटल हाईवे में बदलने की मंजूरी मिल चुकी है. अभी यह दो लेन का है, जिसे चार लेन में विस्तारित किया जाएगा. भूमि पैमाइश और सर्वेक्षण का काम जारी है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
बाराबंकी से बहराईच उत्तर प्रदेश का पहला डिजिटल हाईवे बनेगा
यह परियोजना महादेवा कॉरिडोर के कारण बढ़ती यातायात मांग को संबोधित करती है और उन्नत बुनियादी ढांचे के माध्यम से दुर्घटनाओं को कम करने का लक्ष्य रखती है। वर्तमान में, 25.000 वाहन प्रतिदिन राजमार्ग का उपयोग करते हैं, जिससे संजय सेतु पुल पर दबाव पड़ता है। नए चार लेन विस्तार से बाराबंकीए बहराइच, गोंडा औरबलरामपुर जिलों के निवासियों के साथ-साथ नेपाल जाने वाले यात्रियों के लिए यात्रा आसान हो जाएगी। एनएचएआई की राष्ट्रव्यापी डिजिटल राजमार्ग पहल का हिस्सा बाराबंकी-बहराइच परियोजना, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और हैदराबाद-बेंगलुरु कॉरिडोर की सफलता के बाद शुरू की गई हैए जो भारत के सड़क बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बाराबंकी से नेपाल की सीमा के रुपैईडिहा के बजाए अब बहराइच सिटी तक ही रोड फोरलेन होगी। यह बदलाव केंद्र सरकार ने बहराइच से रुपैडिहा के बीच वाहनों के कम दबाव के मद्देनजर किया है। सर्वे रिपोर्ट में बहराइच से रुपैडिहा के बीच वाहनों के कम संख्या में संचालन की बात कहीं थी। ऐसे में नैशनल हाइवे अर्थारिटी ऑफ इंडिया ;एनएचएआई ने बाराबंकी से बहराइच के बीच के महज 100 किमी की रोड को टू लेन से फोरलेन तैयार करने का डीपीआर फाइनल किया है। एनएचएआई ने बाराबंकी से बहराइच तक के इस फोरलेन मार्ग निर्माण में दो आरओबी बनाने का फैसला किया है। पहला आरओबी अयोध्या हाइवे के बाराबंकी नगर के चौपुला से बनेगा और यह शहावपुर के पास तक जाएगा। इस आरओबी में दोनों ओर अयोध्या हाइवे तक यूटर्न के लिए रास्ता देने का प्राविधान किया है।
ताजा खबरें
About The Author

शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।