यूपी के इस जिले से इन रूट्स के रास्ते मुंबई के लिए चलेगी स्लीपर वंदे भारत !
Sleeper Vande Bharat
इज्जतनगर मंडल, जो कि पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत आता है, वंदे भारत ट्रेन का संचालन करने की योजना बना रहा है। यह ट्रेन यात्रियों के लिए एक नई और आधुनिक यात्रा अनुभव प्रदान करेगी। वंदे भारत ट्रेन की खासियत इसमें तेज गति, आरामदायक सीटें, और आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। इस ट्रेन के संचालन से यात्रियों को यात्रा में सुविधा और समय की बचत होगी। इस नई ट्रेन में स्लीपर कोच होंगे और इसे रामनगर व लालकुआं से मुंबई तक संचालित करने की योजना बनाई गई है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए ट्रैक की तैयारी के कार्य को तेजी से किया जा रहा है। किच्छा में ट्रैक की मजबूती का कार्य भी इसी योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। रेलवे विभाग इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए समर्पित है, ताकि यात्री सुविधाओं में सुधार किया जा सके और यात्रा को और अधिक आरामदायक बनाया जा सके।
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक, काठगोदाम स्टेशन की वाशिंग लाइन में ट्रेन को खड़ी करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। इस स्थिति में, लालकुआं व रामनगर से मुंबई के लिए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का संचालन किया जा सकता है। इस संबंध में तैयारियों पर काम तेजी से चल रहा है।
वर्तमान समय में मंडल में ट्रैक की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे है, इसके अतिरिक्त वंदे भारत ट्रेन की स्पीड इससे काफी अधिक होती है। रेलवे विभाग इस योजना को जल्द से जल्द लागू करने के लिए प्रयासरत है, ताकि यात्रियों को आधुनिक परिवहन सुविधाओं का लाभ मिल सके।
रेलवे मंडल के कई क्षेत्रों में रेल लाइन और सड़कें एक-दूसरे के निकट स्थित हैं, जिससे जानवरों के हताहत होने का खतरा बढ़ गया है। इस समस्या को हल करने के लिए रेलवे विभाग ने किनारों पर फेंसिंग लगाने का निर्णय लिया है, जिसके लिए टेंडर भी जारी किया जा चुका है।
वहीं, वंदे भारत ट्रेन के मार्ग की योजना भी पूरी हो चुकी है। यह ट्रेन रुद्रपुर व लालकुआं से प्रस्थान करके सिटी स्टेशन और एनईआर जंक्शन से होते हुए कासगंज और मथुरा के रास्ते एनसीआर रूट से मुंबई की ओर जाएगी। इस नई ट्रेन के संचालन से यात्रियों को तेज और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा, जो कि रेलवे की प्राथमिकता है।
किच्छा में बीसीएम द्वारा पत्थरों की सफाई का कार्य तेजी से जारी है। पिछले कुछ दिनों से यहां यह कार्य हो रहा है। पहले चार घंटे के ब्लॉक में प्रतिदिन 400 मीटर का कार्य किया जा रहा था, परंतु रविवार की रात एक अतिरिक्त मशीन लाने के बाद अब कार्य की गति बढ़कर 700 मीटर तक पहुँच गई है।
बीसीएम के डिरेल होने के कारण पिछले तीन दिनों से इस कार्य में बाधा आई थी, लेकिन अब स्थिति बेहतर हो गई है। गोरखपुर से एक और मशीन की व्यवस्था की गई है, जिससे यहां कुल पांच मशीनों के माध्यम से पत्थरों की सफाई का कार्य शीघ्र ही समाप्त किया जाएगा।
मंडल क्षेत्र में कई स्थानों पर पुरानी रेल पटरियां पड़ी हुई हैं, जिनका वजन 52 और 60 किलो है। विशेष रूप से, 52 किलो की रेल पटरी पर हाईस्पीड ट्रेनों का संचालन संभव नहीं है। भोजीपुरा से मैलानी मार्ग पर 60 किलो की नई पटरियां बिछाई गई हैं, जो ट्रेनों की गति को बढ़ाने में सहायक होंगी। इसके अतिरिक्त, विभिन्न सेक्शनों में भी पटरियों का नवीनीकरण किया जा चुका है।
रेल पटरियों को अब बेचने के बजाय फैंसिंग बनाने में उपयोग किया जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण की सुरक्षा हो रही है, बल्कि संसाधनों का भी सही इस्तेमाल हो रहा है। इसी प्रकार, बेकार लकड़ी के स्लीपरों का भी आवश्यक उपयोग किया जा रहा है।
रुद्रपुर स्टेशन पर इन स्लीपरों का इस्तेमाल करके स्टेशन के परिसर में सड़क का निर्माण किया गया है। यह सड़क सीसी रोड की तुलना में अधिक मजबूत और टिकाऊ साबित हो रही है। इस प्रकार के प्रयासों से रेलवे की ओर से पर्यावरण संरक्षण और संसाधनों के बेहतर उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।