गोरखपुर से इन रूट पर रेलवे नई रेलवे लाइन बिछाने के काम को मंजूरी, जान कब तक पूरा हो जाएगा काम

यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार और नेपाल से जुड़ी रेलवे सेवाओं को भी मजबूत करेगी

गोरखपुर से इन रूट पर रेलवे नई रेलवे लाइन बिछाने के काम को मंजूरी, जान कब तक पूरा हो जाएगा काम
गोरखपुर से इन रूट पर रेलवे नई रेलवे लाइन बिछाने के काम को मंजूरी, जान कब तक पूरा हो जाएगा काम

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से लेकर गोंडा तक के लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी सामने आई है, भारतीय रेलवे ने यहां के लोगों को रेलमार्ग दोहरीकरण की सौगात दी है।

यूपी-बिहार से नेपाल तक तेज रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें

पूर्वोत्तर रेलव रेलवे बोर्ड ने गोरखपुर, नकहाजंगल, आनंदनगर, बढ़नी, गोंडा रेलमार्ग के दोहरीकरण को हरी झंडी दे दी है। यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार और नेपाल से जुड़ी रेलवे सेवाओं को भी मजबूत करेगी, जिससे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय यात्रा अधिक सुगम होगी। झूसी से प्रयागराज के बीच गंगा पुल भी ट्रेनें चलने लगी हैं। बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर-छपरा मुख्य रेलमार्ग 425 किमी रेलमार्ग के डबल लाइन पर ट्रेनें पहले से ही फर्राटा भर रही हैं। आने वाले दिनों में पूर्वाेत्तर रेलवे के सभी रेलमार्ग पर डबल लाइन बिछ जाएगी। पूर्वाेत्तर रेलवे की ट्रैक क्षमता बढ़ने के साथ ट्रेनों का समय पालन भी बेहतर होगा। मांग के अनुसार सभी रेलमार्गों पर अधिक से अधिक ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। गोरखपुर, नकहाजंगल, आनंदनगर, बढ़नी, गोंडा रेलमार्ग पर दोहरीकरण से इस रूट पर अधिक ट्रेनें संचालित की जा सकेंगी। सीतापुर-गोंडा और लखनऊ-गोंडा रूट की ट्रेनें आनंदनगर.घुघली होकर सीधे नरकटियागंज पहुंच सकेंगी, जिससे गोरखपुर जंक्शन पर दबाव कम होगा। गोरखपुर, बस्ती, गोंडा, लखनऊ मुख्य रेलमार्ग पर ट्रेनों का भार कम होगा। यात्रियों को समय पालन और यात्रा की सुगमता में सुधार मिलेगा

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प्रोजेक्ट का असर और लाभ

नरकटियागंज करीब 100 किमी के अलावा भटनी से औड़िहार तक 116 किमी रेल लाइन का दोहरीकरण चल रहा है। भटनी से औड़िहार रूट का दोहरीकरण अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद गोरखपुर-भटनी से बनारस होते हुए प्रयागराज तक डबल लाइन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। बनारस से प्रयागराज तक डबल लाइन पहले ही बिछ चुकी है। गोरखपुर-नरकटियागंज रेलमार्ग का दोहरीकरण भी तेजी से चल रहा है। ऐसे में पूर्वाेत्तर रेलवे को विकल्प के रूप में एक बाइपास रेल लाइन मिल जाएगी। गोरखपुर-बस्ती-गोंडा-लखनऊ मुख्य रेलमार्ग पर ट्रेनों का दबाव भी कम होगा।

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यद्यपि, गोरखपुर-नकहाजंगल रेलमार्ग पर डबल लाइन बिछाने का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। गोरखपुर-आनंदनगर-गोंडा सिंगल लाइन का विद्युतीकरण हो चुका है। वर्तमान में इस रूट पर एक दर्जन से अधिक ट्रेनें संचालित हैं। गोरखपुर-नकहाजंगल-आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा 215 किमी रेलमार्ग के दोहरीकरण को रेलवे बोर्ड की हरी झंडी मिल गई है। बोर्ड ने नकहाजंगल-गोंडा समेत मथुरा-कासगंज 105 किमी रेलमार्ग पर भी डबल लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दे दी है। फाइनल लोकेशन सर्वे (एफएलएस) के लिए बोर्ड ने नकहाजंगल-गोंडा के लिए 4.30 करोड़ तथा मथुरा-कासगंज के लिए 2.10 करोड़ सहित कुल 6.40 करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित कर दिया है। रेलवे प्रशासन ने सर्वे के बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) की भी तैयारी शुरू कर दी है। डीपीआर पर बोर्ड की मुहर लगते ही दोहरीकरण की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। नकहाजंगल-आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा बाइपास रेलमार्ग का दोहरीकरण हो जाने के बाद मांग के अनुसार अधिक ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। सीतापुर- गोंडा और लखनऊ-गोंडा रूट की ट्रेनें आनंदनगर-घुघली होते हुए सीधे नरकटियागंज रेलमार्ग पर पहुंच जाएंगी। उन्हें गोरखपुर जंक्शन आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आनंदनगर-घुघली 50 किमी नई रेल लाइन का निर्माण भी शुरू हो गया है।

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