इस क्षेत्र के लोगों के लिए यह एक बड़ी राहत की खबर है। अक्सर लगने वाले जाम के कारण लोगों को काफी परेशानी होती थी। विशेषकर व्यस्त समय में यहां लंबी-लंबी वाहनों की कतारें लग जाती थीं। एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं को भी जाम में फंसना पड़ता था। ओवरब्रिज बनने से यातायात सुचारू रूप से चल सकेगा और जाम की समस्या से निजात मिलेगी।
इस शहर में बनेगा ओवरब्रिज, ट्रैफिक की समस्या दूर
विधानसभा क्षेत्र की जनता को जाम से निजात दिलाने के लिए चौराहे पर करीब एक दशक पहले रेलवे की ओर से ओवरब्रिज का निर्माण शुरू कराया गया था। लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो पाया। दो साल से तो बजट के अभाव में निर्माण ठप है। चुनाव के दौरान यह मुद्दा भी बना, जनप्रतिनिधियों ने इसको लेकर आश्वासन भी दिया पर इसे पूरा कराने की दिशा में सार्थक पहल नहीं हुई। लोगों का कहना है कि प्रदेश में नई सरकार का गठन हो रहा है। उम्मीद है कि सरकार ओवरब्रिज का निर्माण कराकर राह आसान बनाएगी। परियोजना को पूर्ण कराने के लिए जनप्रतिनिधियों को पहल करनी होगी। रेलवे के उच्चाधिकारियों से वार्ता कर और मंत्रालय से धन आवंटित कराकर निर्माण कार्य पूर्ण कराना होगा, तभी जाम की समस्या का समाधान हो पाएगा। लेकिन यह रास्ता अब साफ हो गया है। शहर के नोनियापट्टी के पास ढाले पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। कठकुईयां मार्ग के अंबे चौक से रेलवे स्टेशन रोड के बेलवा चुंगी मोड़ तक आरओबी का निर्माण होगा। 8.5 मीटर चौड़ाई में बनने वाली आरओबी की कुल लंबाई 603 मीटर होगी। रेलवे की ओर से ओवरब्रिज का निर्माण स्वीकृत है, धन की व्यवस्था केंद्र सरकार करेगी। इसके लिए पहल की जाएगी। मंत्रालय से शेष धन आवंटित कराकर शीघ्र ही ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। इसके अलावा प्रस्तावित आरओबी के अगल-बगल बसे मोहल्ले वासियों को आवागमन में कोई परेशानी न हो इसके लिए फ्लाईओवर के नीचे सर्विस लेन का भी निर्माण होगा। इस निर्माण कार्य पर करीब 56 करोड़ रुपये खर्च होंगे। शहर में आने वाले लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए सांसद के प्रयास से रेलमंत्री ने सुभाष चौक से कोतवाली जाने वाले मुख्य मार्ग पर पड़ने वाले रेलवे ढाले पर अंडरपास और नोनियापट्टी के सामने स्थित रेलवे ढाले पर आरओबी निर्माण की स्वीकृति मिली थी। इसमें रेलवे अंडरपास निर्माण के लिए बाईपास सड़क का निर्माण कार्य करा लिया गया है। शीघ्र ही अंडरपास बनाने का भी कार्य शुरू करा दिया जाएगा। इस रेलमार्ग पर खड्डा रोड, साहबगंज, नौका टोला, मेन रोड और नोनियापट्टी समेत कुल पांच रेलवे ढाले हैं। रेल मार्ग पर किसी भी ट्रेन के आने पर ये सभी रेलवे क्रॉसिंग एक साथ बंद होते हैं। इनके बंद होते ही शहर उत्तर और दक्षिण दो हिस्सों में बंट जाता है। कुछ ही देर में रेलवे ढाले के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है।
ओवरब्रिज बने तो मिले जाम से निजात
अप्रैल में आरओबी का निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। इसके निर्माण से न केवल शहर के लोगों को रेलवे ढाले पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी, बल्कि शहर से होकर अंबे चौक के रास्ते खिरकिया बाजार, जटहां बाजार और बांसी के रास्ते बिहार जाने वाले बड़े वाहन चालकों को भी आवागमन में सहूलियत मिलेगी। वहीं नोनियापट्टी के सामने स्थित रेलवे ढाले पर स्वीकृत आरओबी के निर्माण की तस्वीर भी साफ हो गई है। रेलवे की तरफ से इस ढाले पर बनने वाले आरओबी का नक्शा तैयार कर लिया गया है। रेलवे की तरफ से स्वीकृत नक्शे के अनुसार आरओबी की आकृति एल आकार की होगी। रेलवे लाइन पर 64 मीटर लंबा फ्लाईओवर बनाया जाएगा। इसके अलावा कठकुईया रोड की तरफ से 278 मीटर और बेलवा चुंगी जाने वाली सड़क की तरफ से 265 मीटर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य होगा। इस आरओबी का निर्माण एल आकार में होगा। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद रेलवे ढाला बंद होने पर लगने वाले जाम से लोगों को निजात मिल जाएगी। इसके अलावा आरओबी के आसपास के मोहल्लों का तेजी से विकास होगा। ट्रेन जाने के बाद ज्यों ही रेलवे फाटक खुलता है, दोनों तरफ से आगे निकलने की होड़ लग जाती है। इससे बेतरतीब वाहनों की वजह से जाम लग जाता है। लोगों को जाम से निकलने में करीब 20 से 30 मिनट का समय लग जाता है। जाम से छुटकारा दिलाने के लिए यातायात पुलिस के जवान तैनात रहते हैं। लेकिन, जाम में फंसे लोग आगे निकलने की होड़ में किसी की परवाह नहीं करते हैं। शहर के बीच से कप्तानगंज-थावे रेलमार्ग गुजरा है। इस रेल मार्ग पर छह सवारी गाड़ियां और छपरा-गोमतीनगर एक्सप्रेस ट्रेन संचालित होती हैं। इसके अलावा समय-समय पर कुछ स्पेशल ट्रेनों का भी संचालन होता है।