यूपी में अब खतौनी की तरह घरों का दिखाएगा मालिकाना हक, इन लोगो को मिलेगा फ़ायदा
सभी पात्र ग्रामीणों को मिलेगी घरौनी
ग्रामीणों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिल सके इसके लिए सरकार स्वामित्व योजना लेकर आई थी। उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत इस साल के अंत तक सभी ग्रामीणों को उनकी जमीन का मालिकाना हक देने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में अब तक 80 लाख से अधिक घरौनी तैयार की जा चुकी हैं।
सभी पात्र ग्रामीणों को मिलेगी घरौनी
पीएम स्वामित्व योजना के तहत गांव के उन लोगों को अपने घर की जमीन का मलिकाना हक दिया जाता है जो कहीं सरकारी आंकड़े में दर्ज नहीं। ग्रामीण क्षेत्रों में तमाम ऐसे परिवार हैं जिनकी जमीन कहीं दर्ज नहीं। इसकी वजह से उनकी जमीन पर किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा कब्जा होने का भी खतरा बना रहता है। इसके अलावा उन्हें इस जमीन पर बैंक से ऋण की सुविधा भी नहीं मिल सकती। यह घर आपका है, इसका दस्तावेज बनेगी घरौनी। जिस तरह कृषि भूमि के मालिकाना हक का दस्तावेज खतौनी होती है, उसकी तरह अब घरों के दस्तावेज के रूप में घरौनी होगी। अब ग्रामीणों के पास अपने घर के मालिकाना हक का दस्तावेज रहेगा। सभी तहसीलों में 50 हजार 467 लाभार्थियों की घरौनी तैयार हो गई है। इनका वितरण 18 जनवरी को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्व विद्यालय के सभागार में कराने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को लक्ष्य दिया है कि इस साल के अंत तक सभी पात्र ग्रामीणों को उनके घरों का मालिकाना हक देने वाला प्रमाण पत्र घरौनी मिल जाना चाहिए। इसके लिए जहां सर्वेक्षण का काम पूरा है वहां इसे जल्द पूरा करा लिया जाए। शनिवार को अहरौली घाट बांगर, अंगुरी, अस्तिया, बहेरीमाह, बम्हरौली घाट, चपरघटा, दिबैर, हलिया बांगर, जहांगीरपुर, किशुनपुर, लखनापुर, पनियामऊ, पुरैनी, रनियां, सलारपुर, सट्टी, शाहजहांपुर, श्यामसुन्दरपुर, सुल्तनापुर, ट्योंगा, अण्डवा, अरहरियामऊ, बरगवां, बरवादृरसूलपुर, बेड़ामऊ, भरतौली, बीबापुर, बिदखुरी, बिहार, घार, दोहरापुर, डुडियामऊ, गौरीकरन, गिरदौं, गुलौली, हैदरपुर, जफराबाद, केशी, किशोरपुर, कुंवरपुर, लेवामऊ, मोहम्मदपुर, मुड़ेरा, मुतैहरा, नेराकृपालपुर, निगोही, पचलख, पुलन्दर, सनायाखेड़ा, सरौटां, सिथरा बुजुर्ग गांवों के लोगों को घरौनी वितरित की जाएगी। तहसील सभागार भोगनीपुर में 18 जनवरी को ग्रामीणों को स्वामित्व योजना के तहत घरौनी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। तहसीलदार डा. प्रिया सिंह ने बताया कि क्षेत्र के 224 गांवों में से 147 गांवों की घरौनियां बन गई है। जिनमें 19 गांव गैर आबादी व तीन ग्राम नगरीय सीमा में शामिल है।उत्तर प्रदेश में अब तक 80 लाख से अधिक घरौनी तैयार
प्रदेश के प्रदेश के 90.908 गांवों के लिए घरौनी तैयार कराई जा रही हैं। इसमें से 50 हजार से अधिक गांव की घरौनी का काम पूरा कर लिया गया है। इससे पहले सरकार ने दिसंबर 2023 तक सभी को घरौनी प्रमाण पत्र देने का लक्ष्य रखा था। लेकिन, कई जगह सर्वे पूरा न हो पाने की वजह से यह लक्ष्य पूरा न हो सका। इसके बाद पूरी मशीनरी लोकसभा चुनाव में लग गई। स्वामित्व योजना के तहत गांवों में ड्रोन सर्वे कर घर चिह्नित किए गए। इसके बाद इनका मालिकाना हक तैयार किया गया है। घरों के मालिकाना हक का कानूनी दस्तावेज नहीं था। अब घरौनी के रूप में घर के मालिकाना हक का दस्तावेज रहेगा। गांवों में घरों के मालिकाना हक का दस्तावेज न होने के कारण विवादों के निस्तारण में दिक्कत आती थी, अब ऐसा नहीं होगा। घरों पर बैंक से कर्ज लेने की सुविधा रहेगी। ग्राम पंचायतों को घरों पर कर निर्धारण का अधिकार रहेगा, इससे राजस्व बढ़ेगा। ग्रामीणों के बीच 26 दिसंबर 2024 को घरौनी का वितरण होना था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन होने से यह कार्यक्रम टाल दिया गया था। अब 18 जनवरी को सभी तहसीलों में लाभार्थियों को घरौनी का वितरण किया जाएगा। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में सदर तहसील के लाभार्थियों को घरौनी वितरण होगा। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का सजीव प्रसारण भी दिखाया जाएगा। जिन परिवारों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिल जाएगा वह अपनी संपत्ति को एक वित्तीय परिसंपत्ति के तौर पर इस्तेमाल कर पाएंगे। वह लोग इसके आधार पर अपनी आवश्यकता के समय बैंक से ऋण ले सकेंगे। इसके अलावा संपत्ति से जुड़े विवाद से भी इन परिवारों को छुटकारा मिल जाएगा। स्वामित्व योजना के तहत जमीन का मालिकाना हक वहां निवास करने वाले परिवार को दे दिया जाता है। इसके बाद उनकी जमीन पर कब्जा होने का डर भी दूर हो जाता है और बैंक से ऋण की सुविधा भी ली जा सकती है। केंद्र सरकार ने 24 अप्रैल 2020 को यह योजना शुरू की थी। तब से लेकर अब तक यूपी में 80 लाख के करीब घरौनियां तैयार कर ली गई हैं।