यूपी में 67 हजार से ज्यादे परिवार बेघर, इस योजना से पक्के घर की है उम्मीद
जीवन शैली और सामाजिक व्यवस्था में सुधार
यूपी के गोरखपुर जिले में करीब करीब 67 हजार से अत्यधिक परिवार है जिनमें उनके पास पक्का मकान नहीं है अब केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत ऐसे निर्बल और कच्चे घरों में रहने वाले परिवार को पक्का घर देने के लिए बीते दिन 31 मई को व्यापक सर्वे किया गया था. इस दौरान कुल 67,518 आवेदन किए जा चुके हैं इसमें खास बात यह है कि इन आवेदनों में से आधा यानी की 39779 लोगों को अब खुद अपने मोबाइल और जन सेवा केंद्र के अंतर्गत आवेदन किया जा सकता है
जबकि आवेदक ग्राम्य विकास विभाग लगाए गए सर्वे के माध्यम से सामने आ चुका है स्वयं आवेदन करने वालों का ही सत्यापन लगातार किया जा रहा है. विभाग ने स्पष्ट तौर से कहा है कि निरीक्षक द्वारा किए गए आवेदन का पुनः सत्यापन नहीं हो पाएगा बेलघाट में सर्वाधिक बेघर परिवार तथा बेलघाट क्षेत्र में अधिक 10503 बेघर परिवार देखा गया है अब खजनी में 5956 और बड़हलगंज में 4945 बेघर परिवार के पास अपना कोई भी पक्का मकान नहीं है
जरूरतमंद परिवारों को मिलेगा अपना घर
विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि 20 जून तक सभी शोइंग आवेदन कर्ताओं का सत्यापन पूरा करवाया जाएगा. इस मामले को लेकर तकनीकी कर्ण की वजह से पोर्टल पर सत्यापन की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है विभागीय अधिकारियों ने आगे बताया है कि जुलाई माह तक केंद्र की मोदी सरकार ने आवास निर्माण के लिए धनराशि आवंटित कर सकती है बॉक्स से पत्रों को मिलेगी या धनराशि आवास के लिए अब 1.20 लाख करोड रुपए मिलने की संभावना जताई जा रही है
जिसमें पहले किस्त 40000 के आसपास और दूसरी किस्त 70000 के आसपास और आखिरी तथा तीसरी किस्त के तौर पर ₹10000 प्राप्त हो पाएंगे अब इसके अलावा 237 रुपए की दर से 90 दिन के मानदेय के तौर पर 21330 की राशि तथा यदि पूर्व में शौचालय नहीं बना है तो पंचायत राज विभाग से ₹12000 की राशि प्राप्त हो सकती है सरकार की मंशा है कि उन्हें एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन का आधार बन पाए सर्वे के दौरान कुल 67518 आवेदन किया जा चुके हैं इनमें आधे आवेदन और आवेदक ने खुद ही आवेदन किया है जिसके माध्यम से सत्यापन करने में 15 दिन में पूर्ण करवाया जाएगा.
ताजा खबरें
About The Author
शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।