यूपी के प्राइवेट अस्पतालों में महंगी दवाएं बेचने का खेल खत्म, होगी कड़ी कार्रवाई

यूपी के प्राइवेट अस्पतालों में महंगी दवाएं बेचने का खेल खत्म, होगी कड़ी कार्रवाई
यूपी के प्राइवेट अस्पतालों में महंगी दवाएं बेचने का खेल खत्म, होगी कड़ी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम की फार्मेसियों में दवाओं के दाम मनमाने तरीके से वसूलने की शिकायतों पर अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने सख्ती दिखाई है. मंत्रालय ने पूरे मामले की जांच कराने और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.

मंत्रालय ने किसे सौंपी जांच

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसचिव विवेक नारायण ने रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार (मूल्य निर्धारण) अवधेश कुमार चौधरी को इस पूरे मामले की जांच कर उचित कदम उठाने का अनुरोध किया है.

शिकायत कैसे पहुंची केंद्र तक

उत्तर प्रदेश के महासचिव सुरेश गुप्ता (केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया था. पत्र में कहा गया कि नर्सिंग होम और प्राइवेट अस्पताल मोनोपोली ब्रांड की दवाएं तैयार कराते हैं और मरीजों को इन्हीं दवाओं को ऊंचे दाम पर खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है.

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गुप्ता ने बताया कि इन विशेष ब्रांड की दवाएं सामान्य मेडिकल स्टोर्स पर मौजूद ही नहीं होतीं. ऐसे में मरीजों के पास अस्पताल से ही दवा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता. जबकि बाहर की फार्मेसियों में प्रतिष्ठित कंपनियों की अच्छी गुणवत्ता वाली दवाएं सस्ती कीमत पर मिल जाती हैं.

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फेडरेशन की रिपोर्ट और सांसद की पहल

प्राइवेट अस्पतालों में दवा की इस धांधली पर फेडरेशन ने सर्वे कराया था. आरोप सही पाए जाने के बाद गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग ने यह मामला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के सामने उठाया. इसके बाद मंत्री ने गंभीरता दिखाते हुए रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय को पत्र लिखा और जांच की प्रक्रिया शुरू हुई.

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नर्सिंग होम एसोसिएशन का बयान

लखनऊ नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. संजय लखटकिया ने कहा कि "मरीजों का शोषण किसी भी रूप में गलत है. गुणवत्तापूर्ण दवाएं देना उनका अधिकार है." उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि एसोसिएशन सरकार के साथ है और अगले हफ्ते होने वाली सामान्य सभा की बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की जाएगी.

मुख्यमंत्री के निर्देश भी अनसुने

गुप्ता ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही एफएसडीए (खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्रशासन) को निर्देश दिए थे कि प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिकों में इस तरह की मनमानी रोकने के लिए कदम उठाए जाएं. इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई जमीन पर नहीं दिख रही.

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।