यूपी के इन गाँव के लिए चलेगी बस, देखें यह 374 रूट की लिस्ट

यूपी के इन गाँव के लिए चलेगी बस, देखें यह 374 रूट की लिस्ट
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महाकुंभ को देखते हुए यूपी सरकार ने 2023-24 और 2024-25 के बीच 6,138 बसें खरीदी थीं। इसमें से 3000 बसें कुंभ मेले के लिए आवंटित की गई थीं। इनमें 270 इलेक्ट्रिक और 20 डबल डेकर बसें शामिल हैं। महाकुंभ खत्म होने के बाद इन बसों को अब ग्रामीण मार्गों पर चलाने की तैयारी है।

परिवहन विभाग ड्राइवर और कंडक्टर की करेगा भर्ती

उत्तर प्रदेश के 28 हजार गांवों को जोड़ने के लिए 1 हजार 540 रूट तए किए गए हैं। इनमें 1 हजार 130 पुराने रूट हैं, 410 नए रूट जोड़े गए हैं। इस पर पहली बार परिवहन विभाग की बसें चलेंगी। 374 रूट का परमिट भी जारी हो चुका है। होली बाद इन मार्गों पर बसें चलने लगेंगी। बाकी रूटों पर परमिट देने की प्रक्रिया चल रही है। परिवहन निगम के जीएम अंकुर विकास बताते हैं- 2,397 अनुबंधित बसों के लिए भी टेंडर निकाला गया है। इनमें इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल हैं। अनुबंधित बसों में 28 और 32 सीट वाली छोटी बसें भी हैं। इससे संकरे रास्ते वाले ग्रामीण मार्गों पर आसानी से चलाई जा सकें। परिवहन मंत्री दयाशंकर ने विधानसभा बजट सत्र में एक प्रश्न के जवाब में दावा किया था कि अगले मानसून सत्र तक बाकी बचे 70 हजार गांवों को भी बस सेवा से जोड़ देंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री ग्राम जोड़ो योजना शुरू की गई है। इस बजट में इसके लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए 2 शहरों के बीच इलेक्ट्रिक इंटरसिटी बस सेवाओं की शुरुआत कर रही है। हाल ही में आगरा फोर्ट डिपो में पहली इलेक्ट्रिक बस शामिल की गई, जिसकी कीमत 1.40 करोड़ है। इन बसों का संचालन इसी महीने से शुरू करने की प्लानिंग है। इन्हें आगरा से नोएडा, बरसाना, बुलंदशहर, बदायूं, फर्रुखाबाद जैसे शहरों के बीच चलाया जाएगा। परिवहन निगम ने अनुबंध के तहत 4,950 इलेक्ट्रिक बसों के लिए टेंडर जारी किए हैं। आधुनिक सुविधाओं से लैस इन बसों को प्रदेश के 569 रूट पर चलाने की तैयारी है। टेंडर की प्रक्रिया मार्च तक पूरी हो जाएगी। टेंडर में देश के कई दिग्गज उद्योगपतियों ने दिलचस्पी दिखाई है। इसकी वजह यूपी में टूरिस्टों की बढ़ती संख्या है। गांवों की रोड कनेक्टिविटी ब्लॉक, तहसील और जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम जोड़ों योजना के तहत 410 नए मार्ग की पहचान की गई है। इनमें से 408 के लिए विभाग ने परमिट का आवेदन किया था। 401 ग्रामीण मार्गों पर परिवहन निगम खुद की बसें चलाएगा।

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यूपी में अब गांवों से भी चलेंगी सरकारी बसें

यूपी परिवहन निगम की ओर से 1 हजार 213 मार्गों पर 1 हजार 277 अनुबंधित बसें चलाई जाएंगी। बाकी रूट पर निगम खुद की बस चलाएगा। इसके लिए बस ड्राइवर और कंडक्टर की भर्तियां भी होंगी। प्रदेश में कौन-कौन से 374 मार्ग पर बसों की सेवा मिलेगी? इन बसों के चलने से आम लोगों को कितना फायदा मिलेगा? बसों का किराया कितना होगा? प्रदेश के सभी 1 लाख गांवों को कब तक बस सुविधा से जोड़ दिया जाएगा? प्रदेश में नए ग्रामीण रूटों पर बसें चलाने का फायदा युवाओं को रोजगार के तौर पर भी मिलेगा। विधानसभा में बजट सत्र के दौरान विधायक विनोद चतुर्वेदी के सवाल पर परिवहन मंत्री ने यह बात खुद स्वीकार की। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों और कंडक्टरों की कमी के कारण जनवरी 2025 में 700 बसें बंद रहीं। इससे करीब 8 लाख रुपए की आय का नुकसान हुआ। इन बसों को चलाने के लिए ड्राइवरों-कंडक्टरों की संविदा के आधार पर भर्ती करने की प्रक्रिया चल रही है। 50 करोड़ की लागत से परिवहन निगम प्रदेश के सभी 20 रीजन में एक-एक चार्जिंग स्टेशन बनाने जा रहा है। इसमें लखनऊ रीजन में बाराबंकी डिपो, मुरादाबाद में पीतल नंबर वर्कशॉप, बरेली में ओल्ड बस स्टेशन, इटावा में फर्रुखाबाद बस स्टैंड, मेरठ में बड़ौत डिपो, प्रयागराज में प्रयाग डिपो, चित्रकूट धाम में राठ डिपो, आजमगढ़ में डॉ अंबेडकर डिपो, वाराणसी में काशी डिपो, गोरखपुर में राप्तीनगर वर्कशॉप, हरदोई में हरदोई डिपो, अलीगढ़ में गांधी नगर पार्क बस स्टेशन, सहारनपुर में खतौली डिपो, कानपुर में आजाद नगर डिपो, अयोध्या में अयोध्या डिपो, आगरा में आगरा फोर्ट डिपो, गाजियाबाद में साहिबाबाद बस स्टेशन, नोएडा में नोएडा डिपो, झांसी में झांसी डिपो, देवीपाटन में गोंडा डिपो में चार्जिंग स्टेशन बनेंगे। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में बताया था कि अगले चरण में वह हर जिले में एक चार्जिंग स्टेशन बना देंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाली बसों के चार्जिंग की समस्या नहीं होगी। यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम वर्तमान में 12,325 बसों का संचालन कर रहा है। 9,373 बसें न्च्ैत्ज्ब् के स्वामित्व में हैं। जबकि 2,952 निजी तौर पर अनुबंधित हैं। ये बसें ग्रामीण क्षेत्रों को ब्लॉक, तहसील और जिलों से जोड़ती हैं। वहीं, वाराणसी जिले में 7 मार्गों पर अनुबंधित बसें चलाई जाएंगी। 374 का परमिट जारी हो चुका है। 34 मार्गों पर आपत्तियों के चलते परमिट जारी नहीं हो पाया है। परिवहन निगम हर रूट पर एक बस का संचालन करेगा।

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