चौंकाने वाला फैसला! चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का मैन ऑफ द सीरीज बना यह अनजान खिलाड़ी, भारतीय स्टार्स रह गए पीछे

सबसे पहले बात करते हैं उन भारतीय खिलाड़ियों की, जो इस अवार्ड के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे थे। श्रेयस अय्यर ने इस टूर्नामेंट में 243 रन बनाए, जो भारतीय टीम के लिए सबसे ज्यादा थे। उन्होंने फाइनल में भी शानदार पारी खेली और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। श्रेयस की इस पारी के बिना भारत की जीत मुश्किल हो सकती थी।
विराट कोहली ने भी जबरदस्त बल्लेबाजी की और टूर्नामेंट में कुल 218 रन बनाए। पाकिस्तान के खिलाफ शतक और सेमीफाइनल में उनकी धमाकेदार पारी ने भारतीय टीम को कई मुश्किलों से निकाला। वह भारत की तरफ से टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे।
वरुण चक्रवर्ती ने भारतीय टीम के लिए सबसे कम मैच खेलकर भी सबसे ज्यादा विकेट लिए। उन्होंने केवल तीन मैचों में 9 विकेट चटकाए। उन्हें पहले दो मैचों में खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन जैसे ही उन्हें मौका मिला, उन्होंने अपनी काबिलियत साबित कर दी। उनकी गेंदबाजी ने विरोधी टीमों को खूब परेशान किया।
मोहम्मद शमी भी इस टूर्नामेंट में कमाल की गेंदबाजी करते हुए 9 विकेट अपने नाम किए। उन्होंने टीम इंडिया के लिए नई गेंद से महत्वपूर्ण सफलताएं दिलाईं और अपनी वापसी को शानदार तरीके से साबित किया।
अब सवाल यह है कि जब ये सारे खिलाड़ी इतने शानदार प्रदर्शन कर रहे थे, तो आखिर मैन ऑफ द सीरीज का अवार्ड रचिन रविंद्र को क्यों मिला? दरअसल, रचिन रविंद्र ने इस टूर्नामेंट में चार मैचों में 263 रन बनाए और गेंदबाजी में भी थोड़ा योगदान दिया। हालांकि, फाइनल में उनका प्रदर्शन ज्यादा प्रभावशाली नहीं था।
यह अवार्ड देने का फैसला ICC की कमेटी ने किया, जिसमें कुछ पत्रकार और ICC के अधिकारी शामिल थे। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी टीम को फाइनल जिताया और शानदार प्रदर्शन किया, तो उन्हें क्यों नजरअंदाज कर दिया गया?
विराट कोहली के 2023 वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द सीरीज बनने पर भी सवाल उठे थे, लेकिन उस समय उनके प्रदर्शन का स्तर इतना ऊंचा था कि किसी को शक नहीं हुआ। लेकिन रचिन रविंद्र का यह प्रदर्शन उतना बड़ा नहीं था कि उसे मैन ऑफ द सीरीज का अवार्ड दिया जाए।
कई क्रिकेट फैंस और एक्सपर्ट्स का मानना है कि मैन ऑफ द सीरीज का अवार्ड श्रेयस अय्यर, मोहम्मद शमी या वरुण चक्रवर्ती में से किसी एक को मिलना चाहिए था। लेकिन ICC के इस फैसले ने क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बना दिया है।
यह अवार्ड किस आधार पर दिया गया, यह तो ICC की कमेटी ही जानती है, लेकिन फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स को यह फैसला सही नहीं लग रहा।