हिंदी पट्टी में फंस गई है BJP की गाड़ी, कई राज्यों में उलझा है पेंच

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर अभी पेंच फंसा हुआ नजर आ रहा है. लंबे वक्त से राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन अगर पार्टी नेताओं की माने तो हाईकमान अभी कुछ हिंदी पट्टी के राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष के नाम अभी तक तय नहीं कर पाया है.
यानी अगर कहा जा कि हिंदी पट्टी में ही बीजेपी की गाड़ी फंस हुई है तो गलत नहीं होगा. दरअसल, पार्टी के तमाम बड़े नेताओं का कहना है कि पहले हिंदी पट्टी के बड़े राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान होगा, इसके बाद ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान किया जाएगा.
विश्वसनीय सूत्रों की माने तो बीजेपी में हिंदी पट्टी के कुछ बड़े राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर गंभीर मंथन कर रही है. खास तौर पर गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में पार्टी नए अध्यक्ष के चयन में पूरा वक्त लेकर हर स्थिति पर विचार कर रही है. बीते लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा था.
वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में भी पार्टी को एक सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. गुजरात में 2027 में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं. अब जिस नेता को भी प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलेगी, पार्टी उसी के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारी करेगी और चुनाव तक प्रदेश की जिम्मेदारी उसी नेता के कंधों पर होगी.
इन तीन बड़े राज्यों के अलावा बीजेपी को अभी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के साथ ही झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष का नाम भी तय करना है. इस वजह से इसमें थोड़ी देरी हो रही है और माना जा रहा है इस महीने के अंत तक कुछ राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो जाएगा.
सूत्रों की माने तो इन राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान होने के एक सप्ताह के अंदर ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम तय हो जाएगा. राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम तय होने के बाद बची हुई औपचारिक प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी. हालांकि तमाम मुद्दों पर विचार अभी मोदी सरकार के 11 साल के संकल्प अभियान के पूरे होने पर ही होगा.