बस्ती का नाम हो सकता है वशिष्ठ नगर, डीएम सौम्या अग्रवाल ने भेजा प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश स्थित बस्ती में डीएम सौम्या अग्रवाल ने बस्ती जिले का नाम बदलकर वशिष्ठ नगर करने का प्रस्ताव फिर से सचिव राजस्व परिषद को भेज दिया है डीएम सौम्या अग्रवाल ने बताया कि अबकी बार 12वीं बार भेजे गए इस प्रस्ताव में जिले का नाम बदलने पर कोई अतिरिक्त शासकीय खर्चा नहीं होगा
इस उद्देश्य की रिपोर्ट लोक निर्माण विभाग ने भी दी है वही आपको बता दें पिछले 3 वर्ष से कई पूर्व क्षेत्र नागरिकों और विभिन्न संस्थाओं ने जिले का नाम बदल कर वशिष्ठ नगर करने के लिए ज्ञापन शासन को भेजा था इस संबंध में कई बार मुख्यमंत्री समेत राज्यपाल उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया था
जिस के क्रम में राजस्व परिषद ने बस्ती के जिलाधिकारी से नाम बदलने का प्रस्ताव मांगते हुए यह पूछा था कि नाम बदलने के लिए कितना खर्च आएगा जिलाधिकारी द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में यह बताया गया था
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एक बार फिर से राजस्व परिषद में फरवरी में नाम बदलने के प्रस्ताव के बारे में जिला अधिकारी से विवरण मांगा तो डीएम ने पीडब्ल्यूडी से इस संबंध में विवरण मांगा की नाम बदलने के कार्य में कितना खर्च आएगा फरवरी 2022 में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि

जिले का नाम बदलने पर कोई भी शासकीय खर्च नहीं आएगा बस शर्त यह है कि सभी राजकीय भाग अपने कार्यालय मद से जिले के नाम बदलने से संबंधित आने वाले खर्च को करें
आखिर कौन है महर्षि वशिष्ठ जिनके नाम पर रखा जा सकता है बस्ती का नाम
रामायण काल में बस्ती में भगवान श्री राम के कुलगुरु महर्षि वशिष्ठ का आश्रम हुआ करता था. 1865 में इसे गोरखपुर से अलग करके बस्ती को जिला बनाया गया. बस्ती जिले का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक है. प्राचीन काल में यह कौशल साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था