बच्चों को लगाई जा रही देश में बनी जेई की वैक्सीन
- जिले को हुआ है 15 हजार डोज वैक्सीन का आवंटन - दूसरी डोज वालों को भी लगाई जाएगी देसी वैक्सीन

बस्ती. जापानी इंसेफेलाइटिस बीमारी से बचाव के लिए अब देश में बनी जेई की वैक्सीन बच्चों को लगाई जा रही है. अभी तक चीन में बनी वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा था. प्रथम चरण में जिले को 15 हजार डोज वैक्सीन का आवंटन किया गया है. जिन बच्चों को जेई की दूसरी डोज लगनी है, उन्हें भी देसी वैक्सीन ही लगाई जाएगी.
कोरोना की वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बॉयोटेक की बनी हुई जेई की वैक्सीन की आपूर्ति जिले में शुरू हो गई है. पहले चरण में 15 हजार डोज वैक्सीन मिली है, जिसका वितरण सीएचसी, पीएचसी को कर दिया गया है. जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एफ हुसैन ने बताया कि पुरानी वैक्सीन की ही तरह आधा एमएल का डोज देना है. एक वॉयल में पांच डोज है. पहले जेई की वैक्सीन बांह में लगाई जाती थी.
नई वैक्सीन बायें पैर के मध्य जांघ के आगे व बाहर की तरफ (इंट्रा मॉस्क्यूलर) लगाया जाना है. अगर किसी को जेई के टीके के साथ डीपीटी बूस्टर भी देना है तो लगाने वाली जगह से लगभग डेढ़ इंच (तीन उंगलियों का फासला होना चाहिए) के फासले पर इसे लगाया जा सकता है. डॉ. हुसैन ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर किसी लाभार्थी को पुरानी जेई वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई है तो दूसरी डोज के तौर पर जेई की नई वैक्सीन उसे दी जा सकती है.
तरल रूप में उपलब्ध है वैक्सीन
डॉ. हुसैन ने बताया कि जेई की नई वैक्सीन तरल रूप में है. पहले वाली वैक्सीन को अलग से उपलब्ध लिक्विड मिलाकर घोलने की आवश्यकता होती थी. तरल रूप में वैक्सीन मिलने से अब यह समस्या नहीं रह गई है. नई वैक्सीन पर ओपल वॉयल पॉलिसी लागू है. वीवीएम वॉयल के लेबल पर है. इस वैक्सीन को खोलते समय तत्काल तारीख व समय डालना आवश्यक है. ओपन वॉयल पॉलिसी के तहत यह 28 दिन तक प्रयोग की जा सकेगी. इससे वैक्सीन के वेस्टेज की आशंका नहीं के बराबर रहेगी.