बस्ती: महिला का बच्चेदानी निकालने का विवाद, पति ने न्याय न मिलने पर आत्मदाह की दी चेतावनी

भेजे पत्र में मेवालाल ने कहा है कि वह अपनी प्रसव पीड़ित पत्नी रीता देवी को आशा बहू तारा देवी के साथ जिला महिला चिकित्सालय लेकर गया, आशा तारा देवी ने अल्ट्रासांउण्ड कराने के बाद नार्मल डिलेवरी कराने की आश्वासन देकर फातिमा हास्पिटल एवं मैटरनिटी सेंटर, पतेलवा कटरा-बस्ती निकट संत कबीर नगर आई हास्पिटल लेकर गई जहाँ दो डाक्टर मिले, जिनका नाम, डॉ० अफसाना हैदर व डॉ० एम०जेड० अंसारी था. उक्त दोनो लोग उसकी पत्नी रीता देवी को लेकर लेबर रूम में ले गये, नार्मल डिलेवरी कराने हेतु उक्त लोगो ने पता नहीं क्या किया कि उसकी पत्नी को अधिक रक्तस्राव होने लगा और उसकी पत्नी का बच्चेदानी ही निकाल दिया. यह उसका पहला बच्चा था, अब वह कभी माँ नहीं बन सकती. डॉ० अफसाना हैदर व डॉ० एम०जेड० अंसारी ने उसका वंश ही समाप्त कर दिया, वह लगातार अपने साथ किये गये घोर अत्याचार पर डी०एम०, सी०एम०ओ० सहित सभी को पत्र देकर न्याय व जाँच का मांग करता रहा है. किन्तु 26.07.2024 से उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. उसकी पत्नी का हालत बिगड़ने पर डॉ० अफसाना हैदर व डॉ० राम०जेड० अंसारी ने जबरन रेफर कर दिये. विरोध करने पर उसे धमकिया दी गई.
पत्र में मेवालाल ने कहा है मुख्य चिकित्साधिकारी बस्ती ने जाँच कमेटी का गठन किया जॉच कमेटी ने कई बार जॉच किया जॉच रिपोर्ट फाड़ा व बदला और मोटा रकम लेकर प्रकरण को निक्षेपित कर दिये जबकि सी०एम०ओ० कार्यालय द्वारा कहा गया कि उक्त अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है. जॉच टीम ने धन लेकर एक उजड़े हुए परिवार के खुशियों का गला घोंट दिया, और अयोग्य डॉ० अफसाना हैदर व डॉ० एम०जेड० अंसारी को बचा दिया, जबकि उक्त दोनो डाक्टरों के पास एम०बी०बी०एस० की डिग्री भी नही है. डॉ० एम०जेड० अंसारी ने उसे धमकी भी दिया कि कहीं शिकायत करोगे और आगे जाओगे खानदान सहित साफ करवा दूंगा.
मेवालाल ने न्याय की गुहार लगाते हुये चेतावनी दिया है कि यदि न्याय न मिला तो वह अपनी पत्नी के साथ आत्मदाह करने को बाध्य होगा. इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और मुख्य चिकित्साधिकारी की होगी.
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