Basti News: कवितायें मनुष्य को संवेदनशील बनाती है- सत्येन्द्रनाथ मतवाला
Basti Kavya News: विश्व कविता दिवस पर सम्मानित हुये कवि

सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि यूनेस्को ने 21 मार्च को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999 में की थी. इसका अभिप्राय कविता से देश, समाज का संवाद बनाना हैै. कवितायें मनुष्य को संवेदनशील बनाती है, वह जीवन में संजीवनी बूटी की तरह काम करती है. कहा कि कविता जीवन को शक्ति प्रदान करती है. मुश्किल क्षणोें में व्यक्ति के लिये किसी कवि की रचना साहस बन जाती है.
जिला समाज कल्याण अधिकारी प्रकाश पाण्डेय ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि कविता में ही दानव को भी श्रेष्ठ मानव बनाने की क्षमता है. कविता हमारी करूणा, मानवीय संवेदनाओं को स्वर देती है. दुनिया के सभी देशांे में कविता का अपना विशिष्ट संसार है. सर्वश्रेष्ठ कवि तो मां है जो गर्भ काल से ही बच्चे के मन मस्तिष्क में कविता का भाव बोध पैदा करती है. कार्यक्रम में वकील गुप्ता के वासुरी वादन ने मन मोह लिया.
गोष्ठी में डा. रघुवंशमणि त्रिपाठी, अष्टभुजा शुक्ल, डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ डा. वी.के. वर्मा ने जीवन में कविता के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. संचालन विनोद उपाध्याय हर्षित ने किया.
इस अवसर पर श्याम प्रकाश शर्मा, बी.के. मिश्र, विनय कुमार श्रीवास्तव, बी.के. मिश्र, अनुरोध कुमार श्रीवास्तव, डा. सरयू प्रसाद मिश्र, दीपक सिंह प्रेमी, राघवेन्द्र शुक्ल, आशुतोष प्रताप, अर्चना श्रीवास्तव, प्रेमलता, शबीहा खातून, शिवा त्रिपाठी, स्तुति सिंह, अजीत कुमार श्रीवास्तव, तौव्वाब अली, मयंक श्रीवास्तव, पंकज कुमार सोनी, विश्वनाथ वर्मा, पं. चन्द्रबली मिश्र, हरिकेश प्रजापति, अशद बस्तवी, राजेन्द्र सिंह ‘राही’ प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, ओम प्रकाश धर द्विवेदी, आंेकार चतुर्वेदी, फूलचन्द चौधरी, राम प्रकाश सिंह, सन्तोष कुमार श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव ‘अश्क’ शाद अहमद शाद, शाहिद बस्तवी, प्रतिमा मिश्रा, डा. पारसवैद्य, दिनेश सिंह, ऋषभ पाण्डेय, आलोक मिश्र, राजन गुप्ता, सामईन फारूकी, वकील गुप्ता, चन्द्र प्रकाश शर्मा के साथ ही अनेक रचनाकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं को उनके योगदान के लिये सम्मानित किया गया.
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