Basti News: जयन्ती पर गुरु घासीदास के योगदान पर चर्चाः नाटक का मंचन, पुरस्कृत किये गये छात्र
मुख्य अतिथि समाजसेवी जय प्रकाश यादव ने गुरु घासीदास के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला. सांस्कृतिक कलाकार रामभवन, रामधीरज, काशीराम, मोनिका, काजल ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से गुरु घासीदास के उद्देश्यों को प्रस्तुत किया. काजल कुमारी ने कहा कि गुरु घासीदास ने गौ हत्या न करने की प्रेरणा दी प्रधानाचार्य रवीन्द्र नाथ यादव जी ने कहा कि गुरु घासीदास जी लगभग 12 वर्ष के थे, उसी समय की बात है कि एक ग्रामीण क्षेत्र में चौपाल लगा था वहीं गरीब ग्रामीण को जातिगत भेदभाव के करण अपमानित किया जा रहा था और छुआछूत भी हो रहा था, उसे दूर हटा दिया गया था कि तू कुआं पर पानी नहीं ले जा सकता क्योंकि तू निम्न वर्ग का है तो मेरा धर्म भ्रष्ट हो जाएगा, तब गुरु घासीदास जी आए और कहा कि भाई हम लोग एक ही ईश्वर से जन्मे हैं एक ही खून के हैं एक ही शरीर है तो ऐसा क्यों हो रहा है प्यास तो सबको लगती है पानी की जरूरत है, ऐसा ना करे. लतीफ अंसारी ने गुरु घासीदास जी के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला.
कार्यक्रम में मंच बाल कलाकार छा गये. उन्होने पारपरिक छुआछूत पर नाटक प्रस्तुत कर मन मोह लिया. रेनू, वंदना, दीपिका, खुशी, पूनम, ज्योति, प्रेमलता आदि बच्चों का कार्यक्रम दर्शको ने सराहा. कार्यक्रम में सूर्य प्रताप सिंह, रमनकुंज, ललित शोभा, उर्मिला, राजनाथ, नंदकिशोर राधा, रमन, सुभाष, विकास, अनिल, मुन्ना, संतोष, विक्रम, विवेक, माया देवी, विशाल अंकित, सौरभ, गौरव, सुजीत, पुष्पा, किरण, अनुसूया, रानी, गुड़िया, विनीता, रेखा, रमेश, नीलेश, नवलकिशोर, प्रधानाचार्य रितिका लक्ष्मी, सक्षम आदि संस्थान के सहयोगी मनोज कुमार ने बच्चों का मूल्यांकन करवाया, प्रश्नोत्तरी बच्चों से गुरु घासीदास जी पर निबंध आयोजित करने के साथ ही पुरस्कार और प्रमाण-पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया. राम भवन यादव ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के द्वारा मन मोह लिया. इस अवसर पर संस्थान की ओर से अतिथियांें को अंग वस्त्र भेट किया गया. कडाके की शीतलहरी के बावजूद बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे.
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