सफलता ,असफलता जीवन के दो अहम पहलू... आत्मविश्वास का दामन ना छोड़ें युवा

सफलता ,असफलता जीवन के दो अहम पहलू... आत्मविश्वास का दामन ना छोड़ें युवा
motivation quotes

संजीव ठाकुर
असफलता को झेलने के लिए आत्मविश्वास की परम आवश्यकता होती हैlअसफलता ऐसा स्वाद है जिसे हर व्यक्ति ने जीवन में कभी ना कभी जरूर चखा होगा. असफल होने से निराश होने की आवश्यकता नहीं है. महापुरुषों ने कहा है कि असफलता यह दर्शाती है कि आपने प्रयास पूरे मन से नहीं किया है अतः असफलता के बाद सफलता के लक्ष्य को निर्धारित कर पूर्ण मनोयोग से कर्म की वेदी पर अपना शीश नवाना चाहिए.

जीवन में असफलता किसी लक्ष्य को स्थापित करने का ही परिणाम है, इसीलिए इसे बड़े ही सौजन्यता से, सहज तरीके से आत्मसात करना चाहिए. सकारात्मक तरीके से आत्मविश्वास के साथ स्वीकार की गई असफलता मनुष्य को बड़े लक्ष्य की ओर प्रयास करने के लिए संकेत देती है. बिना असफलता के सफलता कोई भी स्वाद नहीं देती है. असफलता के बाद ही सफलता के के लिए किए गए प्रयासों का महत्त्व मनुष्य को अपने जीवन में पता लगता है. शायर फैज अहमद फैज ने कहा है
दिल ना उम्मीद तो नहीं नाकाम ही तो है,
लंबी है गम की शाम मगर शाम ही तो है.
असफलता सफलता की पहली सीढ़ी है और यह सामान्य मानवीय कृत्य भी है. असफल होने के कारणों का पता लगाकर सफलता के लिए प्रयास हमेशा हमें दोगुना कर देना चाहिए. यह भी जरूरी नहीं है कि एक बार सफल होने के बाद मनुष्य सदैव सफल ही होता रहे इसके लिए मनुष्य को लगातार चिंतनशील, आत्म विश्वासी, साहसी और सतर्क होना पड़ेगा. सफल होने के लिए हमें हमेशा हुनरवान होना होगा जिससे इसी हुनर से हमें सफलता का स्वाद चखने का मौका मिलेगा. यह सर्वविदित सच्चाई है कि हमें सफलता के लिये साहस और हुनर का उपयोग कर सदैव अग्रसर होते रहना होगा. सफलता एक लक्ष्य और उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सदैव सफलता की सीढ़ी चढ़कर हमें वहां पहुंचने की आवश्यकता है.

यह भी पढ़ें: PM Kisan Scheme: पीएम किसान योजना की 14वीं किस्त को लेके बड़ी अपडेट

आत्मविश्वास का अर्थ शक्ति और ऊर्जा तो है और यह संपूर्ण रूप से हमारे प्रयासों हमारे संकल्प और साहब से जुड़ा हुआ प्रतिफल भी है.

यह भी पढ़ें: OPINION: संभलकर बोलें, शब्द सार्थक और विनाशक भी

आज भारत विश्व का सबसे बड़ा युवा देश है. हमारे देश के लाखों, करोड़ों युवाओं का जीवन लक्ष्य हीन है वे बहुत सारी इच्छाएं और महत्वकांक्षी रखते तो हैं पर उसके पीछे कड़ी मेहनत पक्का इरादा नहीं रखने की भूल कर देते हैं और यही कारण है कि वे जीवन में इधर उधर भटक कर अत्यंत निराश होकर अपने जीवन को नशे और अन्य निराशाजनक मार्ग को अपना लेते हैं. प्रयास तथा कठिन परिश्रम की कमी ही युवा वर्ग की भटकाव की स्थिति की परिणति है.

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव में बसपा का सूपड़ा होगा साफ! BJP पार करेगी 70 का आंकड़ा! सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े

आज का युवा बिना सुनियोजित प्रयास के लक्ष्य की प्राप्ति की आकांक्षा रखने लगे हैं और असफल होने के बाद उसका मूल्यांकन ना कर असफल होकर किसी अन्य मार्ग को चुनने के लिए बाध्य हो जाते युवाओं की यह मानसिक स्थिति बड़ी आया हुआ है जो समाज के लिए निर्णायक साबित होती है और एक बड़ा युवा वर्ग गलत मार्ग की ओर प्रशस्त हो जाता है. ऐसे में युवाओं का जीवन बहुत ही कष्टदायक हो सकता है. युवा वर्ग को चाहिए कि लक्ष्य निर्धारित कर उसके लिए निरंतर कोशिश है और निरंतर श्रम करना चाहिए इसके बाद भी यदि असफलता मिलती है तो सम्यक मूल्यांकन कर असफलता के कारणों को दूर कर दुगनी रफ़्तार से मेहनत कर उच्च लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं. आज युवा आगे बढ़कर देश का जिम्मेदार नागरिक बनेगा ऐसे में युवाओं को सदैव लक्ष्य प्राप्ति और सफलता प्राप्ति के लिए निरंतर कठिन श्रम प्रयास संकल्प और अपनी जीवनी को नियमित रखना होगा जिससे घर, समाज और राष्ट्र की उन्नति भी होगी. उल्लेखनीय है की असफलता से ही सफलता की तमाम शिक्षा हमें प्राप्त होती है. विवेकानंद जी ने कहा है कि

ब्रह्मांड की सारी शक्तियां हमारे ही भीतर ही है यह हम ही हैं जिन्होंने अपनी आंखों के सामने हाथ रखा है और रोते हुए कहते हैं कि अंधेरा है.

मनुष्य के जीवन में आत्मविश्वास ही ऐसा गुण है जिससे हम संकल्पित होकर बड़े से बड़ा लक्ष्य प्राप्त कर जीवन में सफलता के झंडे गाड़ सकते हैं. विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी लाल बहादुर शास्त्री, नरेंद्र मोदी और सबसे बड़े सफलता के और आत्मविश्वास के उदाहरण महात्मा गांधी ही हैं जिन्होंने आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प से देश को आजादी दिलाने का महान कार्य किया है. फिर ऐसा क्या है कि देश के युवा वर्ग की बड़ी जनसंख्या हाथ में हाथ धरे सफलता का बैठे-बैठे इंतजार करना चाहती है.
देश के नौजवानों को हमारे सफल महापुरुषों से शिक्षा लेकर सफलता के लिए अनंत तक आत्मविश्वास के साथ निरंतर श्रम करना चाहिए जिससे न सिर्फ उनका भला हो बल्कि पूरे समाज और पूरे देश का भला हो सके और देश पूरे विश्व में सीना तान कर अपने आसपास और सफलता की गाथा सुना सके. यह देखा गया है कि मानव अहंकार को ही आत्मविश्वास समझने की भूल कर देते हैं किंतु आत्मविश्वास घमंड और अहंकार मैं बहुत बड़ा फर्क है. आत्मविश्वास अहंकार विहीन विनम्रता के साथ परिश्रम और संयम संकल्प लेकर सफलता के लक्ष्य की ओर पदार्पण ही है. फल स्वरुप अहंकार को त्याग कर संपूर्ण विश्वास को लेकर देश हित में सफलता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास करने चाहिए.

On

About The Author

Bhartiya Basti Picture

Bhartiya Basti 

गूगल न्यूज़ पर करें फॉलो

ताजा खबरें

राजकिशोर सिंह की गाड़ी का भीषण एक्सीडेंट, कार के परखच्चे उड़े, 3 लोग घायल
Basti News : कांग्रेस नेता प्रेम शंकर द्विवेदी का निधन, शोक की लहर
Rudhauli Crime News : रुधौली में दंपति की संदिग्ध परिस्थिति में मिली लाश, पुलिस पहुंची, दो गिरफ्तार
Basti News: बेगम खैर के प्रबंधक अकरम खान ने किया सुसाइड, पुलिस ने की पुष्टि
Basti Railway Station पर Amrapali Express में यात्री से लाखों की लूट
Basti News: ‘देश बचाओ, देश बनाओ’ समाजवादी साइकिल यात्रा का रूधौली में हुआ भव्य स्वागत
बीजेपी को बस्ती पर रोकना पड़ा था फैसला, इन नामों को पछाड़ कर विवेकानंद मिश्र बने जिलाध्यक्ष
Basti News: कौन हैं विवेकानंद मिश्र जिन्हें बीजेपी ने सौंपी बस्ती की जिम्मेदारी, संगठन की कड़ी कसौटी पर उतरे खरे
Ayodhya में महानगर और जिलाध्यक्ष पर बीजेपी का बड़ा फैसला, जानें- किसे मिली जिम्मेदारी
Siddhartha Nagar में Lok Sabha Election से पहले बीजेपी में बड़ा बदलाव, कन्हैया पासवान जिलाध्यक्ष नियुक्त