Ayodhya News: श्रीराम विवाह की तैयारी हुई पूरी, निभाई जाएगी तिलक, मेहंदी और हल्दी की रस्में

Ayodhya News: श्रीराम विवाह की तैयारी हुई पूरी, निभाई जाएगी तिलक, मेहंदी और हल्दी की रस्में
ram vivah janki mahal

अयोध्या. भगवान श्री राम की जन्म और कर्मस्थली अयोध्या में श्री रामलला के मंदिर निर्माण के साथ प्रतिदिन उत्साह और आनंद का माहौल है लेकिन यह उल्लास कई गुना बढ़ जाता है. जब प्रभु श्री राम के जन्मोत्सव के बाद उनके विवाहोत्सव का पर्व की तैयारी प्रारंभ होती है. माता जानकी और प्रभु श्री राम का विवाह अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है.

रामनगरी के जिन चुनिंदा मंदिरों में राम विवाहोत्सव पूरे भाव से मनाया जाता है, सबसे प्रमुख मंदिर जानकी महल है जिसे माता जानकी जी का मायका भी कहा जाता है. उसके बाद पुण्यसलिला सरयू के तट पर स्थित लक्ष्मणकिला स्वर्गद्वारी स्थित बिहुती भवन, दशरथ जी राजमहल बड़ी जगह , रंग महल, कनक भवन जैसे प्रमुख रूप से शामिल है वैसे तो अयोध्या के सभी मंदिरों में विवाह महोत्सव बड़ी ही शिद्दत के साथ मनाया जाता है.सभी मंदिरों में विवाह महोत्सव मनाने की तैयारी प्रारंभ हो गई है और यह उत्सव 28 नवंबर को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाएगा जिसमें अयोध्या के प्रमुख मंदिरों से ठाकुर जी की भव्य बारात निकाली जाएगी. इसके पूर्व तिलक उत्सव का कार्यक्रम होगा और प्रभु श्री राम और माता जानकी का विवाह हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जाएगा.

ram vivah janki mahal

यह भी पढ़ें: गोरखपुर को मिली 20 इलेक्ट्रिक + 20 नई AC डीजल बसें, अब लखनऊ, वाराणसी और प्रयागराज रूट्स पर बेहतर सेवा

 श्रीराम विवाहोत्सव का प्रमुख केंद्र जानकी महल ट्रस्ट भी है जो तैयारियों के साथ ही उत्सव के आगोश में डूबता जा रहा है.जानकी महल में राम विवाहोत्सव किस प्रामाणिकता से मनायी जाती है यह बिनौरी नेग, न्यौछावरी नेग, घुड़चढ़ी, बरात प्रस्थान, वैवाहिक कार्यक्रम और विवाहोत्सव के अगले दिन छप्पन भोग तथा कुंवर कलेवा के आयोजनों से समझा जा सकता है.

जानकीमहल के ट्रस्टी आदित्य सुल्तानिया के अनुसार सीता-राम विवाह हमारे लिए अतीत का घटनाक्रम ही नहीं, बल्कि जीवन में प्रतिपल प्रेरित होने का दिव्य सूत्र है और इस आयोजन में हम कोई कसर नहीं छोड़े रखना चाहते

राम विवाहोत्सव 25 नवंबर 9 बजे रामर्चा पूजन से प्रारंभ होगा. शाम 6 बजे रामलीला और रात्रि 8 बजे गणेश पूजन होगा. 27 नवंबर को प्रातः 10 हल्दी, तिलक, मेहंदी शाम 6 बजे रामलीला और रात्रि 8 बजे बिनौरी नेग. 28 नवंबर को प्रातः 9 न्यौछावरी नेग,10 बजे मुकलावा नेग, सांय 5 बजे घुड़चढ़ी बारात प्रस्थान रात्रि 10 विवाह. 29 नवंबर को रात्रि 8 बजे छप्पन भोग दर्शन और कुंवर कलेवा के साथ विवाह महोत्सव का समापन होगा. उन्होंने बताया की विवाह के लिए अतिथियों का आना प्रारंभ हो गया है और तैयारी पूरी कर ली गई है.

On

About The Author

Bhartiya Basti Picture

Bhartiya Basti